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पहल्गाम आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से परहेज किया

PM Modi Avoids Pakistan Airspace After Pahalgam Terror Attack
पढ़ने का समय: 4 मिनट
Khushbu Kumari

पहल्गाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब से लौटते समय पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से परहेज किया, जो आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत कूटनीतिक संदेश था।

जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम क्षेत्र में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब से लौटते समय पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उपयोग न करने का निर्णय लिया। यह कदम आतंकवाद के खिलाफ एक प्रतीकात्मक विरोध और पाकिस्तान को सख्त संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है।

कूटनीतिक रूप से सीधा संदेश

सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी की उड़ान के मार्ग को सावधानीपूर्वक बदला गया ताकि यह पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से न गुजरे। यह निर्णय आतंकवाद के प्रति भारत के जीरो टॉलरेंस और नाराजगी को दर्शाता है, खासकर उस हमले के बाद जिसने पूरे देश को झकझोर दिया।

पहल्गाम हमला: एक दर्दनाक याद

पहल्गाम की बैसारन घाटी में हुआ यह अमानवीय हमला कई निर्दोष नागरिकों की जान ले गया, जिससे देशभर में आक्रोश फैल गया। इस घटना ने एक बार फिर क्षेत्र में सुरक्षा की नाजुक स्थिति और सीमा पार से आने वाले आतंकवाद के खतरे को उजागर किया है।

सऊदी अरब यात्रा और वापसी की योजना

प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब में एक उच्च स्तरीय कूटनीतिक यात्रा पर थे, जहां व्यापार, ऊर्जा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चाएं हुईं। लौटते समय पाकिस्तान के ऊपर से सामान्य उड़ान मार्ग उपलब्ध था, लेकिन प्रधानमंत्री ने एक वैकल्पिक मार्ग को चुना, जिससे आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत प्रतिक्रिया झलकती है।

अंतरराष्ट्रीय और घरेलू प्रतिक्रिया

दुनियाभर में भारत की इस कार्रवाई को करीब से देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय केवल उड़ान मार्ग बदलने का नहीं, बल्कि भारत का आतंकवाद को पनाह देने और समर्थन करने वालों के प्रति सख्त रुख है। देश में इस कदम की व्यापक सराहना हो रही है।

पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र: संवेदनशील कूटनीतिक मुद्दा

भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल हमेशा से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है, विशेषकर तनावपूर्ण स्थितियों में। पुलवामा हमले के बाद 2019 में भी भारत ने पाकिस्तान के हवाई मार्ग से परहेज किया था। यह कदम एक बार फिर कूटनीतिक दूरी को दर्शाता है।

सरकार की सुरक्षा को लेकर सख्त नीति

हमले के बाद केंद्र सरकार ने कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई कदम उठाए हैं। सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और घटना की जांच तेजी से की जा रही है ताकि हमले के पीछे शामिल दोषियों की पहचान की जा सके और उन्हें सज़ा दी जा सके।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचना केवल मार्ग परिवर्तन नहीं, बल्कि एक सशक्त कूटनीतिक संदेश है। देश के भीतर बढ़ी सुरक्षा सतर्कता और सीमाओं के पार भेजे गए कड़े संदेश के साथ भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता को पूरी ताकत से दर्शा रहा है।


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