क्या 90 हजार से नीचे आएगा सोने का भाव, बस 9 जुलाई तक करें इंतजार

वैश्विक बाजार से लेकर घरेलू बाजार तक सोने की कीमत आसमान पर है। इसके पीछे की वजह टैरिफ वॉर को माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 9 जुलाई को टैरिफ पर छाए बादल छंट जाएंगे और उसके बाद सोने की कीमत 90 हजार से भी नीचे जा सकती है।
शादियों का सीजन चल रहा है और सोना अपने शिखर पर है। एक समय 1 लाख का आंकड़ा पार कर चुका सोना अभी भी 95 हजार से ऊपर है। निवेशक और ग्राहक सोच रहे हैं कि क्या सोना 90 हजार से नीचे जाएगा और अगर जाएगा तो कब। बाजार के जानकारों का कहना है कि 9 जुलाई के बाद सोने की कीमतों में गिरावट आने की पूरी संभावना है। तब तक टैरिफ को लेकर चीजें साफ हो जाएंगी और सोने पर दबाव भी कम हो सकता है।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालने के बाद भारत समेत दुनिया के तमाम देशों पर टैरिफ लगा दिया और एक तरह से अराजकता की शुरुआत हो गई। हालांकि, बाद में ट्रंप ने टैरिफ लगाने को लेकर छूट दे दी और कहा कि इसे 9 जुलाई के बाद लागू किया जाएगा। जाहिर है, 9 जुलाई तक टैरिफ वॉर से सभी को राहत मिल गई है, लेकिन वैश्विक बाजार में अभी भी अनिश्चितता का माहौल है। यही वजह है कि निवेशक किसी भी जोखिम से बचने के लिए सुरक्षित माने जाने वाले सोने में निवेश कर रहे हैं।
क्यों सस्ता होने की संभावना कमोडिटी विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बाजार में अनिश्चितता के चलते सोने का भाव अभी 3,270 डॉलर प्रति बैरल चल रहा है, जो 9 जुलाई को टैरिफ की समस्या खत्म होने के बाद 3,000 के स्तर तक जा सकता है। इसका सीधा फायदा निवेशकों को होगा। दरअसल 3,200 का स्तर टूटने पर सोना सीधे 3,000 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है। इससे खुदरा बाजार में भी सोने के भाव में गिरावट आएगी।
बाजार की अनिश्चितता कम होगी। बाजार के जानकारों का कहना है कि अभी टैरिफ को लेकर चीजें साफ नहीं हैं, लेकिन 9 जुलाई के बाद इस पर छाए बादल छंट जाएंगे और टैरिफ को लेकर सबकुछ साफ हो जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो वैश्विक बाजार में भी सोने की कीमत में कमी आनी शुरू हो जाएगी। सोना जो अभी 3,300 डॉलर के आसपास है, उसमें करीब 300 डॉलर की गिरावट आ सकती है। अनिश्चितता कम होने से निवेशक भी सोने की बजाय बाजार का रुख करेंगे और मांग कम होने से कीमतों पर भी असर पड़ेगा।
करेंसी मार्केट पर भी असर एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि टैरिफ वॉर का खतरा टलने के बाद करेंसी मार्केट में भी मजबूती आएगी। इसकी वजह यह है कि निवेशक सिर्फ सोने पर ही नहीं बल्कि करेंसी पर भी दांव लगाना शुरू कर देंगे। जाहिर है कि इसकी मांग बढ़ेगी तो करेंसी मार्केट फिर से मजबूत होने लगेगा। डॉलर इंडेक्स तो मजबूत होगा ही, दूसरी करेंसी भी चढ़ेंगी। इसका फायदा गोल्ड मार्केट को भी होगा और निवेशक इससे दूर होकर दूसरे निवेश विकल्पों की तरफ बढ़ेंगे। जाहिर है कि ग्लोबल मार्केट में आए इन बदलावों का असर घरेलू बाजार में भी सोने की कीमतों पर पड़ेगा और यह टूटकर 90 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव तक जा सकता है।