पोप फ्रांसिस के निधन पर योगी सरकार ने किया राजकीय शोक का ऐलान

पोप फ्रांसिस के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान कोई भी आधिकारिक आयोजन नहीं होंगे।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पोप फ्रांसिस के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए राज्य में सभी आधिकारिक समारोह रद्द कर दिए गए हैं। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और किसी भी प्रकार का सार्वजनिक उत्सव नहीं मनाया जाएगा।
केंद्र के निर्देश पर राज्य सरकार की कार्रवाई
गृह मंत्रालय की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने तेज़ी से कार्यवाही करते हुए पूरे राज्य में शोक की अवधि घोषित की। इस दौरान किसी भी सरकारी कार्यक्रम, समारोह या सांस्कृतिक आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका निधन पूरी दुनिया के लिए एक आध्यात्मिक क्षति है। उन्होंने कहा कि पोप का जीवन समर्पण, सेवा और वैश्विक शांति के संदेश का प्रतीक था, जो हमेशा याद किया जाएगा।
आधिकारिक आयोजनों पर रोक
सरकार की ओर से सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि शोक की अवधि के दौरान कोई भी सरकारी या सार्वजनिक आयोजन न किया जाए। हालांकि, कार्यालय और स्कूल सामान्य रूप से कार्य करेंगे लेकिन किसी भी प्रकार की खुशी से जुड़ी गतिविधियां नहीं होंगी।
पोप फ्रांसिस की वैश्विक विरासत
88 वर्षीय पोप फ्रांसिस अपने सादगीपूर्ण जीवन और वैश्विक दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध थे। वे 1300 वर्षों में पहले गैर-यूरोपीय पोप थे। उन्होंने पर्यावरण, गरीबी और धार्मिक समरसता जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की और सभी समुदायों में समान रूप से लोकप्रिय थे।
भारत भर से श्रद्धांजलि
भारत के अलग-अलग हिस्सों से पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया जा रहा है। धार्मिक संस्थान, राजनीतिक नेता और आम नागरिक उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। चर्चों में प्रार्थना सभाएं और मौन जुलूस आयोजित किए जा रहे हैं।
राजकीय शोक का महत्व
राजकीय शोक का निर्णय यह दर्शाता है कि भारत पोप फ्रांसिस जैसी वैश्विक हस्तियों के योगदान को कितना महत्व देता है। यह अंतरधार्मिक सौहार्द और वैश्विक भाईचारे का प्रतीक है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
वेटिकन से लेकर वॉशिंगटन और नई दिल्ली तक, दुनिया भर के नेता पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। वेटिकन में उनके अंतिम संस्कार के लिए विशेष सेवाएं आयोजित की जा रही हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होंगे।
पोप फ्रांसिस के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला भारत की विविधता और संवेदनशीलता का प्रतीक है। यह निर्णय एकता, सद्भाव और मानवीय मूल्यों की मिसाल बनकर सामने आया है, जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करता है।