दीपिंदर गोयल और पत्नी ग्रेशिया मुनोज़ बने गुड़गांव में ज़ोमैटो डिलीवरी एजेंट्स
ज़ोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल और उनकी पत्नी ग्रेशिया मुनोज़ ने गुड़गांव में ज़ोमैटो डिलीवरी एजेंट्स के रूप में काम किया। यह कदम ज़ोमैटो के ग्राहकों से जुड़ने और उनके अनुभवों को समझने के उद्देश्य से उठाया गया।
ज़ोमैटो के संस्थापक और सीईओ दीपिंदर गोयल और उनकी पत्नी ग्रेशिया मुनोज़ ने हाल ही में एक अनोखा कदम उठाया। दोनों ने गुड़गांव में ज़ोमैटो डिलीवरी एजेंट्स के रूप में काम किया, जिससे वे कंपनी के ग्राहकों से सीधे जुड़ सकें और उनकी सेवा अनुभव को समझ सकें।
ग्राहकों के अनुभव को समझने का प्रयास
इस अनोखी पहल के जरिए दीपिंदर गोयल और उनकी पत्नी ने यह दिखाने का प्रयास किया कि वे ग्राहकों की जरूरतों और उनके अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कितने समर्पित हैं। इस अनुभव से दोनों को जमीनी हकीकत का अंदाज़ा हुआ, जहां उन्होंने ग्राहकों के साथ बातचीत की और यह देखा कि डिलीवरी एजेंट्स किन चुनौतियों का सामना करते हैं।
सोशल मीडिया पर प्रशंसा
इस पहल की खबर जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो लोगों ने इसकी खूब तारीफ की। ज़ोमैटो के फैंस और ग्राहकों ने गोयल दंपति के इस कदम को एक सकारात्मक संदेश के रूप में देखा, जिसमें कंपनी के शीर्ष अधिकारी ग्राहकों से जुड़े रहने और उनके अनुभव को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
ज़ोमैटो के डिलीवरी एजेंट्स की भूमिका
डिलीवरी एजेंट्स किसी भी फूड डिलीवरी कंपनी की रीढ़ होते हैं। ज़ोमैटो जैसी बड़ी कंपनियों के लिए ग्राहकों को समय पर खाना पहुंचाना एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। दीपिंदर गोयल ने इस पहल से दिखाया कि वे इस जिम्मेदारी को समझते हैं और इसे निभाने के लिए कितनी मेहनत की जाती है।
ग्रेशिया मुनोज़ का अनुभव
इस पहल में गोयल के साथ उनकी पत्नी ग्रेशिया मुनोज़ भी शामिल रहीं। उन्होंने भी डिलीवरी एजेंट के रूप में काम किया और ग्राहकों तक खाना पहुंचाया। उन्होंने बताया कि यह अनुभव उनके लिए भी एक नई सीख थी, जिससे उन्हें समझ में आया कि यह काम कितना महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण होता है।
ज़ोमैटो की छवि पर सकारात्मक प्रभाव
इस पहल से न सिर्फ ग्राहकों का जुड़ाव बढ़ा, बल्कि कंपनी की छवि पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा। ग्राहकों ने ज़ोमैटो के प्रति विश्वास और जुड़ाव महसूस किया, जिससे कंपनी की साख में और इज़ाफा हुआ।
ग्राहकों की प्रतिक्रिया
गुड़गांव के जिन ग्राहकों को गोयल दंपति ने डिलीवरी दी, वे इस अनुभव से बेहद खुश दिखे। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस अनुभव को साझा किया और ज़ोमैटो की इस पहल की सराहना की।
भविष्य में ऐसी और पहल
ज़ोमैटो के इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि अन्य बड़ी कंपनियां भी ग्राहकों के साथ सीधे जुड़ने और उनके अनुभवों को बेहतर बनाने के लिए ऐसे प्रयास करेंगी। दीपिंदर गोयल का यह कदम साबित करता है कि एक सफल कंपनी वह होती है जो जमीनी हकीकत को समझती है और उसे बेहतर बनाने के लिए लगातार काम करती है।