भारत में सोने की कीमतें ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार, लोगों में चिंता

भारत में सोने की कीमतें 10 ग्राम पर ₹1 लाख के ऐतिहासिक स्तर को पार कर गई हैं, जिससे निवेशक और आम जनता दोनों ही हैरान हैं।
भारत में सोने की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए 10 ग्राम पर ₹1,00,000 का आंकड़ा पार कर लिया है। यह अभूतपूर्व वृद्धि निवेशकों और आम उपभोक्ताओं दोनों के लिए चौंकाने वाली रही। वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता और आर्थिक अस्थिरता ने इस कीमती धातु को फिर से सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प बना दिया है।
कीमतों में उछाल का कारण
सोने की कीमतों में इस जोरदार उछाल का मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर आर्थिक और भू-राजनीतिक तनाव है। कई देशों में ब्याज दरें बढ़ी हुई हैं, मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ रहा है और निवेशकों का भरोसा परंपरागत बाजारों से हटकर सोने में दिख रहा है।
भारतीय बाजार पर असर
भारत, जो दुनिया का एक बड़ा स्वर्ण उपभोक्ता देश है, इस कीमत वृद्धि से विशेष रूप से प्रभावित हुआ है। शादी-ब्याह और त्योहारों में सोने की मांग में गिरावट आ रही है क्योंकि आम लोग इतने ऊंचे दाम पर खरीदारी करने से बच रहे हैं।
ज्वैलर्स की प्रतिक्रिया
देशभर के ज्वैलर्स का कहना है कि उच्च आय वर्ग के ग्राहक अब भी सोने में निवेश कर रहे हैं, लेकिन सामान्य वर्ग के ग्राहक केवल पूछताछ कर रहे हैं या छोटे वजन की ज्वैलरी पर ध्यान दे रहे हैं।
डिजिटल गोल्ड और ETF में रुचि
सोने की कीमतों में लगातार हो रही उथल-पुथल ने डिजिटल गोल्ड और गोल्ड ETF जैसे निवेश विकल्पों की लोकप्रियता बढ़ा दी है। अब लोग भौतिक सोने की जगह डिजिटल विकल्पों को प्राथमिकता देने लगे हैं जिससे लागत और सुरक्षा दोनों के लिहाज़ से लाभ मिल सके।
चांदी के दाम भी बढ़े
केवल सोना ही नहीं, चांदी की कीमतों में भी वृद्धि देखी जा रही है। जिन लोगों के लिए सोना खरीदना संभव नहीं है, वे अब चांदी की ओर रुख कर रहे हैं। चांदी भी अब निवेश के लिहाज़ से एक बेहतर विकल्प मानी जा रही है।
सरकारी निगरानी
भारतीय रिज़र्व बैंक और वित्त मंत्रालय इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। चूंकि सोने का आयात देश के चालू खाता घाटे को प्रभावित करता है, सरकार के सामने यह एक दोधारी तलवार की तरह है – नियंत्रण भी ज़रूरी और जनता की मांग भी।
जनता की प्रतिक्रिया
कई लोग इस वृद्धि को एक अवसर के रूप में देख रहे हैं और अपने पुराने निवेश को भुना रहे हैं। वहीं कुछ लोग शादी और पूजा जैसे आयोजनों के लिए सोना खरीदने की योजना स्थगित कर रहे हैं। मध्यम वर्ग के लिए यह वृद्धि चिंता का विषय बन गई है।
आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैश्विक तनाव और डॉलर में कमजोरी जारी रही तो सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। वहीं, अगर स्थिरता लौटती है तो कीमतों में सुधार भी संभव है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सोच-समझकर और सलाह लेकर ही निवेश करें।
सोने की कीमतों का ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार जाना भारतीय बाजार में ऐतिहासिक बदलाव को दर्शाता है। यह बदलाव केवल निवेश की दिशा नहीं, बल्कि लोगों की मानसिकता और खरीदारी के तरीके को भी प्रभावित कर रहा है।