यहाँ सर्च करे

बेल्जियम में पकड़े गए मेहुल चोकसी, भारत की आर्थिक अपराधियों के खिलाफ बड़ी सफलता

Mehul Choksi Arrested in Belgium Great victory for India
पढ़ने का समय: 5 मिनट
Khushbu Kumari

हीरा कारोबारी और आर्थिक भगोड़े मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है। पीएनबी घोटाले के आरोपी चोकसी की गिरफ्तारी भारत की बड़ी सफलता मानी जा रही है।

देश के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक पीएनबी घोटाले का आरोपी हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी आखिरकार बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। लंबे समय से फरार चल रहे चोकसी की गिरफ्तारी को भारत की न्यायिक प्रणाली के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। यह गिरफ्तारी इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के तहत हुई है।

गिरफ्तारी कैसे हुई?

बेल्जियम की पुलिस ने भारतीय एजेंसियों के साथ सहयोग करते हुए चोकसी को पकड़ा। भारत की ओर से पहले ही इंटरपोल के माध्यम से रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। सूत्रों के अनुसार, भारत की खुफिया एजेंसियों और विदेश मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों से चोकसी को ट्रैक कर उसकी गिरफ्तारी संभव हो पाई।

भारत से भागने के बाद चोकसी का सफर

2018 में पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद मेहुल चोकसी भारत छोड़कर एंटीगुआ और बारबुडा भाग गया था, जहां उसे नागरिकता मिल गई थी। 2021 में वह डोमिनिका में भी देखा गया था, लेकिन वहां से प्रत्यर्पण प्रक्रिया में जटिलताएं सामने आई थीं। अब बेल्जियम में उसकी उपस्थिति और गिरफ्तारी से भारत के हाथ एक मजबूत सबूत लगा है।

सरकार की प्रतिक्रिया और योजना

भारत सरकार ने चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय मिलकर बेल्जियम सरकार के साथ समन्वय कर रहे हैं ताकि जल्द से जल्द उसे भारत लाया जा सके। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उन सभी के लिए संदेश है जो भारत को धोखा देकर विदेश में छुपने की सोचते हैं।”

क्या है पीएनबी घोटाला?

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से जुड़े इस घोटाले में मेहुल चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी ने फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए ₹13,000 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की थी। इस घोटाले ने देश की बैंकिंग प्रणाली पर गहरा असर डाला था। नीरव मोदी फिलहाल यूके में बंद है और उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी जारी है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

चोकसी की गिरफ्तारी की खबर आते ही राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष जहां पारदर्शिता की मांग कर रहा है, वहीं सत्ताधारी दल इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी सफलता बता रहा है। सोशल मीडिया पर भी यह खबर ट्रेंड कर रही है और लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

क्या हो सकता है अगला कदम?

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया थोड़ी लंबी हो सकती है, लेकिन चोकसी की गिरफ्तारी इस दिशा में पहला और अहम कदम है। बेल्जियम की अदालतों में मामला चलने के बाद भारत को उम्मीद है कि वह जल्द ही चोकसी को देश वापस ला सकेगा।

अन्य भगोड़े मामलों पर असर

चोकसी की गिरफ्तारी का असर अन्य आर्थिक अपराधियों के मामलों पर भी पड़ सकता है। इससे भारत की छवि एक सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरेगी जो अपने गुनहगारों को दुनियाभर से पकड़ने में सक्षम है।

मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह दर्शाता है कि देश अब किसी भी आर्थिक अपराधी को आसानी से नहीं छोड़ने वाला। यह मामला केवल न्याय की उम्मीद नहीं, बल्कि देश की नीतिगत प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है कि कोई भी दोषी कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता।


यह भी पढ़े:





विशेष समाचार


कुछ ताज़ा समाचार