मुंबई पुलिस ने साइबर ठगों से वसूले 241 करोड़, रोज़ाना 1500 से अधिक शिकायतों का समाधान

मुंबई पुलिस ने साइबर अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 241 करोड़ रुपये की राशि पीड़ितों को वापस दिलाई। हर दिन 1500 से अधिक शिकायतों का समाधान करते हुए डिजिटल सुरक्षा में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।
मुंबई पुलिस ने साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। विभाग ने पीड़ितों को वापस 241 करोड़ रुपये दिलवाए हैं। यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब रोज़ाना 1500 से अधिक शिकायतें साइबर क्राइम से जुड़ी सामने आ रही हैं।
डिजिटल युग में बढ़ते साइबर खतरे
जैसे-जैसे लोग ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और डिजिटल सेवाओं पर निर्भर हो रहे हैं, साइबर अपराधियों के लिए ठगी के नए रास्ते खुलते जा रहे हैं। फिशिंग, पहचान की चोरी और बैंकिंग फ्रॉड जैसे मामलों में तेज़ी से इज़ाफा हो रहा है, जिससे नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।
तत्काल कार्रवाई के लिए स्पेशल टीमें
पुलिस विभाग ने साइबर अपराध से निपटने के लिए विशेष हेल्पलाइन और रैपिड रिस्पांस टीमें तैयार की हैं, जो पीड़ितों को समय पर सहायता और शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करती हैं। इससे ठगी की घटनाओं पर समय रहते काबू पाया जा रहा है।
बैंकों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के साथ साझेदारी
पुलिस द्वारा रिकवर की गई 241 करोड़ की राशि बैंकों और डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म्स की मदद से वापस दिलवाई गई है। पुलिस और वित्तीय संस्थानों की इस साझा पहल से न केवल धोखाधड़ी की राशि को ट्रैक किया गया बल्कि समय पर ब्लॉक करके लोगों को राहत पहुंचाई गई।
जनजागरूकता से अपराध पर रोक
मुंबई पुलिस नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी से बचाने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चला रही है। सोशल मीडिया, सेमिनार और पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे अनजान लिंक या कॉल्स के झांसे में न आएं।
चुनौतियां और भविष्य की दिशा
हालांकि यह उपलब्धि महत्वपूर्ण है, लेकिन साइबर अपराधी भी लगातार नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में कानून व्यवस्था को और अधिक टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली बनाना आवश्यक है। पुलिस विभाग इसके लिए अपने कर्मचारियों को नई ट्रेनिंग और बेहतर संसाधनों से सुसज्जित कर रहा है।
मुंबई पुलिस की सतर्कता और तेज़ कार्रवाई ने साइबर अपराध के खिलाफ एक प्रभावशाली संदेश दिया है। ₹241 करोड़ की रिकवरी और हजारों शिकायतों का समाधान यह दर्शाता है कि डिजिटल युग में सुरक्षा को लेकर विभाग कितनी गंभीरता से काम कर रहा है। यदि नागरिक सजग रहें और समय पर शिकायत दर्ज करें, तो साइबर अपराधों से बचा जा सकता है।