लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा घोटाला: फर्जी प्रश्नपत्र रैकेट का खुलासा, तीन गिरफ्तार

लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। पुलिस ने फर्जी प्रश्नपत्र बेचने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा से जुड़े एक फर्जी प्रश्नपत्र घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जो परीक्षा में पास कराने के नाम पर उम्मीदवारों से मोटी रकम वसूल रहे थे।
यह घोटाला उस वक्त सामने आया जब खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने एक ऑपरेशन चलाकर इन आरोपियों को पकड़ा। प्रारंभिक जांच में पता चला कि आरोपी नकली प्रश्नपत्र बनाकर उम्मीदवारों को परीक्षा से पहले उपलब्ध कराते थे और इसके एवज में हजारों रुपये वसूलते थे।
कैसे चलता था फर्जीवाड़े का खेल
पुलिस की मानें तो यह गिरोह पूरी योजना के साथ काम करता था। सबसे पहले ये उम्मीदवारों से संपर्क करते और उन्हें भरोसा दिलाते कि उनके पास परीक्षा का असली प्रश्नपत्र है। फिर नकली प्रश्नपत्र तैयार कर उसे वाट्सऐप या अन्य माध्यमों से भेजा जाता। यह सारा काम परीक्षा से कुछ दिन पहले होता ताकि उम्मीदवारों को तैयारी का मौका मिल सके।
गिरफ्तार आरोपियों के बारे में
पकड़े गए तीनों आरोपी पहले भी शिक्षा संबंधित धोखाधड़ी में शामिल रहे हैं। इनमें एक शख्स कोचिंग संस्थान से जुड़ा रहा है और बाकियों ने पहले प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करवाई थी। पुलिस अब इनके पुराने रिकॉर्ड खंगाल रही है और यह भी जांच की जा रही है कि इस घोटाले में और कौन-कौन लोग शामिल हैं।
प्रभावित उम्मीदवारों पर असर
इस रैकेट के चलते कई उम्मीदवारों को मानसिक तनाव झेलना पड़ा है। वे उम्मीदवार जो परीक्षा की ईमानदारी से तैयारी कर रहे थे, अब परीक्षा प्रणाली पर संदेह जता रहे हैं। इस घटना ने यूपी में शिक्षा व्यवस्था की साख पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस की अगली कार्रवाई
पुलिस अब इस पूरे रैकेट की गहराई से जांच कर रही है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या परीक्षा बोर्ड या किसी अन्य विभाग से जानकारी लीक हुई थी। साथ ही तकनीकी जांच के जरिए यह पता लगाया जा रहा है कि फर्जी प्रश्नपत्र कहां और कैसे तैयार किए गए।
सरकार और बोर्ड की प्रतिक्रिया
शिक्षा विभाग और परीक्षा बोर्ड ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और कहा है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही परीक्षा प्रणाली को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए नई तकनीकों का सहारा लिया जाएगा।
यह घटना एक बार फिर से हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि शिक्षा प्रणाली को सुरक्षित रखना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। उम्मीदवारों के भविष्य के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ न केवल एक अपराध है बल्कि यह देश की प्रतिभा के साथ धोखा भी है।