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फैक्ट चेक: दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल T1 का गिरना और यूपीए एवं मोदी सरकार की भूमिका

Fact Check Delhi Airport Terminal T1 Collapse and the Role of UPA and Modi Government
पढ़ने का समय: 5 मिनट
Rachna Kumari

दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल T1 का एक हिस्सा भारी बारिश के कारण गिर गया, जिसे 2009 में यूपीए सरकार द्वारा उद्घाटन किया गया था, जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2024 में उद्घाटन किया गया क्षेत्र अप्रभावित है।

हाल ही में, दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल T1 का एक हिस्सा भारी बारिश के कारण गिर गया। इस घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा का विषय बन गया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस मुद्दे पर ट्वीट करके कहा कि जिस हिस्से का गिरना हुआ वह 2009 में यूपीए सरकार द्वारा उद्घाटित किया गया था। वहीं, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2024 में उद्घाटन किया गया क्षेत्र इस बारिश के बावजूद पूरी तरह से सुरक्षित रहा।

बीजेपी के इस ट्वीट में यह स्पष्ट किया गया कि जिस हिस्से की संरचना में समस्या आई है, वह यूपीए सरकार के कार्यकाल में बना था। 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस टर्मिनल का उद्घाटन किया था। उस समय इसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बताया गया था, लेकिन हाल ही में आई भारी बारिश के बाद यह हिस्सा ढह गया।

इसके विपरीत, 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस क्षेत्र का उद्घाटन किया था, वह पूरी तरह से सुरक्षित और संरक्षित है। यह दर्शाता है कि वर्तमान सरकार ने बुनियादी ढांचे के निर्माण में गुणवत्ता और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा है। बीजेपी ने अपने ट्वीट में यह दावा किया कि मोदी सरकार द्वारा उद्घाटित क्षेत्र में किसी भी प्रकार की क्षति नहीं हुई है।

यह घटना भारतीय राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक बार फिर से बुनियादी ढांचे और निर्माण गुणवत्ता को लेकर बहस छिड़ गई है। बीजेपी के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर इस घटना का उपयोग करते हुए यूपीए सरकार की आलोचना की है, जबकि कांग्रेस के समर्थकों ने इसे प्राकृतिक आपदा का परिणाम बताया है।

इस पूरे मामले में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि किसी भी संरचना की दीर्घकालिक स्थायित्व की जांच उसके निर्माण के समय किए गए सामग्री चयन और गुणवत्ता पर निर्भर करती है। 2009 में निर्मित टर्मिनल का हिस्सा गिरना और 2024 में निर्मित क्षेत्र का सुरक्षित रहना, इस बात को रेखांकित करता है कि वर्तमान सरकार ने निर्माण गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

इस घटना ने यात्रियों और आम जनता के बीच सुरक्षा और संरचना की गुणवत्ता को लेकर चिंताएं भी बढ़ा दी हैं। लोगों का मानना है कि सरकार को बुनियादी ढांचे के निर्माण में और अधिक सख्ती से नियमों का पालन करना चाहिए और पुराने संरचनाओं की भी समय-समय पर जांच करनी चाहिए।

समाप्ति में, बीजेपी का यह दावा कि 2009 में यूपीए सरकार द्वारा उद्घाटित टर्मिनल T1 का हिस्सा गिरा, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2024 में उद्घाटित क्षेत्र सुरक्षित है, ने इस पूरे मामले में एक नई बहस को जन्म दिया है। यह घटना भारतीय बुनियादी ढांचे के निर्माण में गुणवत्ता और सुरक्षा के महत्व को भी उजागर करती है।


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