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उत्तर भारत में भीषण गर्मी की लहर, पारा पहुंचा चरम पर

Heatwave Alert in Northern India Rising Temperatures and No Relief from Rain
पढ़ने का समय: 5 मिनट
Maharanee Kumari

उत्तर भारत के कई राज्यों में तापमान में तेज़ी से वृद्धि हो रही है और बारिश की कोई संभावना नहीं है, जिससे गर्मी की लहर और भी प्रचंड हो गई है।

उत्तर भारत के कई हिस्सों में सूरज की तपिश ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में तापमान रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले कुछ दिनों में बारिश की कोई संभावना नहीं है, जिससे तापमान में और वृद्धि की आशंका है।

आईएमडी की चेतावनी

मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिन लोगों के लिए बेहद कठिन हो सकते हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई हिस्सों में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा रहा है। अगले सप्ताह तक किसी भी प्रकार की वर्षा की संभावना को नकारा गया है।

गर्मी बढ़ने का कारण

मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिमी दिशा से आने वाली शुष्क हवाएं और प्री-मॉनसून बारिश की कमी इस तीव्र गर्मी का प्रमुख कारण है। इस मौसम प्रणाली के चलते लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है।

सबसे अधिक प्रभावित राज्य

दिल्ली में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच चुका है, जबकि राजस्थान के कुछ शहरों में यह 45 डिग्री तक जा रहा है। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी रेड अलर्ट जारी किया गया है, जहां गर्मी अपने चरम पर है।

दैनिक जीवन पर प्रभाव

गर्मी की वजह से लोग दोपहर के समय बाहर निकलने से बच रहे हैं। कुछ जगहों पर स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं की ओर बढ़ रहे हैं या समय में बदलाव कर रहे हैं। बुज़ुर्गों और बच्चों पर इसका असर सबसे अधिक देखा जा रहा है और अस्पतालों में गर्मी से संबंधित बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं।

बिजली और पानी की समस्या

एयर कूलर और एसी जैसी ठंडक देने वाली वस्तुओं के अधिक उपयोग से बिजली की खपत बढ़ गई है। राज्य सरकारें संभावित बिजली कटौती के लिए तैयारियां कर रही हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में पानी की उपलब्धता पहले से ही सीमित है, जिससे स्थिति और गंभीर होती जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग की सलाह

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि वे दोपहर के समय घर के भीतर रहें, भरपूर पानी पिएं, हल्के रंग के कपड़े पहनें और ज़्यादा मेहनत वाले काम से बचें। हीट स्ट्रोक के लक्षणों और आपातकालीन उपायों की जानकारी दी जा रही है।

जलवायु विशेषज्ञों की चेतावनी

मौसम वैज्ञानिकों और जलवायु विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी की लहरें पहले से अधिक तीव्र और लगातार हो रही हैं। वे सतत शहरी नियोजन और सक्रिय मौसम तैयारी की आवश्यकता पर ज़ोर दे रहे हैं।

आगे की स्थिति

चूंकि बारिश की कोई संभावना नहीं है और तापमान और बढ़ सकता है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने और सभी सावधानियों का पालन करने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुए है और समय-समय पर अपडेट जारी करेगा।

उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में है और बारिश की कमी लोगों की परेशानियों को और बढ़ा रही है। ऐसे में सरकारी एजेंसियों और नागरिकों को मिलकर सतर्कता, हाइड्रेशन और सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी ताकि इस चुनौतीपूर्ण मौसम से निपटा जा सके।


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