श्री हेमकुंट साहिब यात्रा 2025 का भव्य शुभारंभ, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने पहले जत्थे को दी विदाई

श्री हेमकुंट साहिब यात्रा 2025 का हुआ शुभारंभ, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश से जत्थे को दिखाई हरी झंडी। जानिए इस आध्यात्मिक यात्रा की प्रमुख बातें।
ऋषिकेश से चमोली की ओर रवाना हुआ पहला श्रद्धालुओं का जत्था, आध्यात्मिकता और भक्ति से गूंजा वातावरण
ऋषिकेश, उत्तराखंड: आध्यात्मिक यात्रा के मार्ग पर श्रद्धा और विश्वास से ओतप्रोत दृश्य तब देखने को मिला जब उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारे के पहले जत्थे को विधिवत हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह आयोजन गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब, ऋषिकेश से संपन्न हुआ, जहाँ पूरे वातावरण में भक्ति, श्रद्धा और उत्साह की मिलीजुली अनुभूति हो रही थी।
कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन आश्रम के आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानंद सरस्वती भी विशेष रूप से उपस्थित रहे और उन्होंने यात्रियों को आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने कहा कि हेमकुंट साहिब की यात्रा केवल एक पर्वतीय चढ़ाई नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि का एक माध्यम है।
हेमकुंट साहिब: एक पवित्र गंतव्य
श्री हेमकुंट साहिब, समुद्र तल से लगभग 15,200 फीट की ऊँचाई पर स्थित, सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। माना जाता है कि दसवें सिख गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने पूर्व जन्म में यहाँ तपस्या की थी। यह स्थान हिमालय की गोद में स्थित है और केवल मई से अक्टूबर के बीच ही श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।
इस वर्ष की यात्रा विशेष मानी जा रही है क्योंकि यह कोविड-19 के बाद की दूसरी बड़ी यात्रा है जिसमें हज़ारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। यात्रा मार्ग चमोली जिले से होकर गुजरता है और इसमें तीर्थयात्रियों को लगभग 19 किलोमीटर की कठिन पैदल चढ़ाई करनी होती है।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री का उद्बोधन
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा केवल एक तीर्थयात्रा नहीं बल्कि हमारे आंतरिक शुद्धिकरण और आध्यात्मिक विकास का पथ है। यह पर्वतीय यात्रा हमें सिखों के बलिदान और उनकी सेवा भावना की याद दिलाती है।”
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “सरकार द्वारा सभी सुरक्षा और सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। हर तीर्थयात्री की सुरक्षा और सुविधा हमारे लिए सर्वोपरि है। यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं, विश्राम स्थलों और आपातकालीन सहायता के लिए विशेष इंतज़ाम किए गए हैं।”
स्वामी चिदानंद सरस्वती का आध्यात्मिक संदेश
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा, “हेमकुंट साहिब की यात्रा न केवल एक पहाड़ी चढ़ाई है, बल्कि आत्मा को उस ऊँचाई तक ले जाना है जहाँ केवल शांति, समर्पण और दिव्यता हो। जो यात्री इस यात्रा में भाग ले रहे हैं, वे खुद को एक बड़ी आध्यात्मिक साधना के लिए समर्पित कर रहे हैं।”
उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे पर्यावरण की रक्षा करें, यात्रा मार्ग पर स्वच्छता बनाए रखें और स्थानीय लोगों के साथ सद्भाव से व्यवहार करें। “धार्मिक यात्रा का उद्देश्य केवल दर्शन नहीं बल्कि सेवा और समर्पण भी है,” उन्होंने कहा।
यात्रियों में उत्साह और उमंग
पहले जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं के चेहरों पर जोश और भक्ति की झलक साफ़ दिखाई दी। एक श्रद्धालु ने बताया, “हम सालों से इस यात्रा के लिए इंतज़ार कर रहे थे। आज राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा झंडी दिखाकर रवाना किया जाना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।”
कई श्रद्धालु दूर–दराज़ के राज्यों से आए हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र और यहाँ तक कि कनाडा और अमेरिका से भी यात्रियों का आना दर्शाता है कि हेमकुंट साहिब का आध्यात्मिक महत्व वैश्विक स्तर पर फैला हुआ है।
यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाएँ
उत्तराखंड प्रशासन द्वारा यात्रा मार्ग पर सुरक्षा, चिकित्सा, परिवहन और भोजन की विशेष व्यवस्था की गई है। सड़क मार्ग पर BSF और ITBP की तैनाती की गई है जबकि पैदल मार्ग पर पुलिस और स्थानीय वालंटियर सहायता प्रदान कर रहे हैं। हर कुछ किलोमीटर पर चिकित्सा केंद्र बनाए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, यात्रियों को जीपीएस आधारित ट्रैकिंग आईडी कार्ड भी दिए जा रहे हैं जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में उन्हें ट्रैक किया जा सके। मौसम की जानकारी और संभावित खतरे के संकेत भी यात्रियों को अग्रिम रूप से मोबाइल अलर्ट के माध्यम से दिए जा रहे हैं।
पर्यावरण सुरक्षा पर ज़ोर
इस वर्ष की यात्रा में एक प्रमुख पहल यह भी रही कि प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे बायोडिग्रेडेबल वस्तुओं का उपयोग करें और यात्रा मार्ग को स्वच्छ रखें। स्थानीय NGOs और स्कूली छात्रों द्वारा स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है।