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रामबन में बादल फटने से आई बाढ़ से मची भारी तबाही

Massive Destruction in Jammu and Kashmir as Cloudburst Triggers Flash Flood in Ramban
पढ़ने का समय: 4 मिनट
Rachna Kumari

रामबन, जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। प्रशासन सतर्क है और राहत कार्य जारी हैं।

जम्मू-कश्मीर के सुरम्य जिले रामबन में एक भीषण प्राकृतिक आपदा ने दस्तक दी, जब शाम के समय बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। इस अप्रत्याशित घटना ने न केवल लोगों को हैरान कर दिया बल्कि पूरे क्षेत्र में भारी तबाही भी मचा दी। पहाड़ी इलाकों की संवेदनशीलता एक बार फिर उजागर हुई है।

कैसे हुआ हादसा

स्थानीय लोगों के अनुसार, घंटों तक लगातार तेज बारिश होती रही, जिसके बाद अचानक बादल फटा और पानी के तेज बहाव ने गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। कई घरों को नुकसान पहुंचा, मवेशी बह गए और रास्ते बाधित हो गए। बचाव दलों ने तत्परता से राहत कार्य शुरू किए।

हानि और नुकसान

हालांकि आधिकारिक रूप से किसी मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कई घर आंशिक या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। खराब मौसम के चलते नुकसान का आकलन करना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

आपातकालीन प्रतिक्रिया

स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल ने मिलकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी शिविर, भोजन और चिकित्सा सहायता की व्यवस्था की गई है। नदियों और नालों पर नजर रखी जा रही है ताकि किसी अन्य संकट से पहले सावधानी बरती जा सके।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

प्रत्यक्षदर्शियों ने इस घटना को भयावह बताया। एक निवासी ने कहा, “हमने एक तेज आवाज सुनी और कुछ ही मिनटों में पानी गांव में घुस गया। ऐसा लगा जैसे पहाड़ से नदी फूट पड़ी हो।” लोगों ने जान-माल की रक्षा के लिए साहसिक प्रयास किए।

भूगोल और जोखिम

रामबन जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में मानसून और प्री-मानसून सीजन में बादल फटने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसे हादसों की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ रही है। प्रशासन से बेहतर पूर्वानुमान प्रणाली और मजबूत बुनियादी ढांचे की मांग की जा रही है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

राज्य के शीर्ष अधिकारियों और नेताओं ने घटना पर चिंता व्यक्त की है और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने पीड़ितों को मुआवजा देने और विस्थापितों के पुनर्वास की बात कही है।

सतर्कता की आवश्यकता

पर्यावरणविदों और स्थानीय नेताओं ने भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अधिक सक्रिय आपदा प्रबंधन की मांग की है। बेहतर ड्रेनेज सिस्टम, सख्त निर्माण नियम और जागरूकता अभियान इसके समाधान के रूप में सामने आए हैं।

रामबन की यह घटना प्रकृति के क्रोध का जीता-जागता उदाहरण है। जैसे-जैसे राहत कार्य आगे बढ़ रहा है, यह आपदा हमें जलवायु बदलाव के प्रति सजग रहने और आपदा प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता की ओर संकेत करती है।


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