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बाढ़ संकट के बीच राहत सामग्री और आपदा प्रबंधन उपकरण लेकर एनडीआरएफ की टीम त्रिपुरा पहुंची

NDRF Team Arrives in Tripura Amid Flood Crisis
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Amit Kumar Jha

एनडीआरएफ की एक टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सहायता के लिए राहत सामग्री और आपदा प्रबंधन उपकरणों के साथ त्रिपुरा पहुंची, क्योंकि राज्य भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है।

त्रिपुरा में बाढ़ की बढ़ती स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम आज सुबह राज्य में पहुंची। आवश्यक राहत सामग्री और आपदा प्रबंधन उपकरणों से लैस इस टीम को सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है, ताकि भीषण बाढ़ के कारण विस्थापित हुए हजारों निवासियों को आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके।

पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के कारण त्रिपुरा के कई जिलों में बाढ़ आ गई है, नदियां उफान पर हैं और गांव, कस्बे और खेत जलमग्न हो गए हैं। लगातार हो रही बारिश ने बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया है, सड़कें और पुल बह गए हैं, जिससे कई दूरदराज के इलाकों तक पहुंच बंद हो गई है। राज्य सरकार ने एनडीआरएफ के साथ मिलकर तेजी से और प्रभावी राहत अभियान सुनिश्चित करने के लिए संसाधन जुटाए हैं।

एनडीआरएफ की त्वरित प्रतिक्रिया और तैनाती

एनडीआरएफ टीम के आने से राज्य में चल रहे राहत प्रयासों को काफी बढ़ावा मिला है। टीम विशेष आपदा प्रबंधन उपकरणों से सुसज्जित है, जिसमें फुलाने योग्य नावें, जीवन रक्षक जैकेट और आपातकालीन चिकित्सा किट शामिल हैं, जिससे वे बाढ़ में फंसे अलग-थलग समुदायों तक पहुंच सकते हैं। बचाव कार्यों के अलावा, टीम जरूरतमंद लोगों को भोजन, स्वच्छ पेयजल और चिकित्सा सहायता जैसी आवश्यक आपूर्ति वितरित कर रही है।

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री, जो स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं, ने एनडीआरएफ द्वारा समय पर किए गए हस्तक्षेप के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने एक बयान में कहा, "बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री और आपदा प्रबंधन उपकरण तेजी से भेजे जा रहे हैं। इससे ज़रूरतमंदों को उम्मीद और सहायता मिलेगी।" मुख्यमंत्री ने जनता को यह भी आश्वासन दिया कि सरकार सामान्य स्थिति बहाल करने और प्रभावित समुदायों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए अथक प्रयास कर रही है।

बाढ़ का प्रभाव

जारी बाढ़ ने त्रिपुरा में तबाही मचा दी है, जिससे हज़ारों परिवार विस्थापित हो गए हैं और संपत्ति और कृषि को भारी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट बताती हैं कि राज्य की कई नदियाँ, जिनमें मनु और गोमती शामिल हैं, अपने किनारों को तोड़ चुकी हैं, जिससे आस-पास के इलाकों में भयंकर बाढ़ आ गई है। बाढ़ के पानी ने कृषि भूमि के बड़े हिस्से को जलमग्न कर दिया है, जिससे फसलें नष्ट हो गई हैं और क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है।

स्थानीय अधिकारियों ने उन लोगों के लिए सुरक्षित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए हैं, जिन्हें अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। हालाँकि, आपदा के पैमाने ने राज्य के संसाधनों को अभिभूत कर दिया है, जिससे समय पर राहत और सहायता प्रदान करने में NDRF का हस्तक्षेप महत्वपूर्ण हो गया है।

राहत कार्य और भविष्य के उपाय

एनडीआरएफ की टीम सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों को प्राथमिकता देने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही है। सड़क मार्ग से दुर्गम क्षेत्रों से फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। टीम बाढ़ के दौरान सुरक्षा उपायों पर जागरूकता अभियान भी चला रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निवासियों को सूचित किया जाए और चल रहे संकट के लिए तैयार किया जाए।

राज्य सरकार ने वित्तीय सहायता और अधिक आपदा प्रबंधन संसाधनों सहित अतिरिक्त सहायता के लिए केंद्र सरकार से अपील की है। दीर्घावधि में, सरकार भविष्य में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए उपाय लागू करने की योजना बना रही है, जैसे कि जल निकासी प्रणालियों में सुधार और तटबंधों को मजबूत करना।

मुख्यमंत्री ने शांति बनाए रखने का आह्वान किया है और निवासियों से इस चुनौतीपूर्ण समय में अधिकारियों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, "हम अपने लोगों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम सब मिलकर इस संकट से उबरेंगे।"

राहत कार्य जारी रहने के बावजूद स्थिति अभी भी अनिश्चित बनी हुई है, मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में और अधिक बारिश होगी। एनडीआरएफ और राज्य के अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं और किसी भी अन्य घटनाक्रम से निपटने के लिए तैयार हैं।


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