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प्रधानमंत्री मोदी ने 7, लोक कल्याण मार्ग पर शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की

PM Modi Chairs High Level Security Meet with Top Officials at 7 LKM
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Rachna Kumari

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7, लोक कल्याण मार्ग पर उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए।

रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, एनएसए, सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक में आतंकवाद के खिलाफ रणनीति पर चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आधिकारिक आवास पर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस महत्वपूर्ण बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए।

बैठक का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करना और आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति को और मजबूत करना था। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।

सशस्त्र बलों को पूर्ण संचालनिक स्वतंत्रता

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूर्ण संचालनिक स्वतंत्रता देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “हमारे सशस्त्र बलों को यह तय करने की पूरी स्वतंत्रता है कि वे कब, कैसे और किस प्रकार से जवाब देंगे।”

प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई समझौता नहीं करेगा और आतंकवादियों को उनके कृत्यों की कड़ी सजा दी जाएगी।

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर प्रभाव

पहलगाम हमले के बाद, भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है, यह कहते हुए कि पाकिस्तान ने इसके शर्तों का उल्लंघन किया है। इसके अलावा, कैबिनेट सुरक्षा समिति ने यह भी निर्णय लिया कि सभी पाकिस्तानी नागरिक, जिनके पास दीर्घकालिक वीजा या राजनयिक और आधिकारिक वीजा नहीं है, उन्हें 29 अप्रैल तक भारत छोड़ना होगा।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भूमिका

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बैठक में आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति और सुरक्षा उपायों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने हाल ही में दक्षिण-पूर्व एशिया की यात्रा के दौरान भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति को भी नई गति दी है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा मिला है।

विदेश मंत्री की कूटनीतिक पहल

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बैठक में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत के संबंधों और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने हाल ही में कतर में आठ भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों की रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें उन्होंने अमेरिकी और कतर के अधिकारियों के साथ मिलकर कूटनीतिक प्रयास किए।

रक्षा मंत्री की समीक्षा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सेना के प्रमुखों के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सुरक्षा बलों को आवश्यक संसाधन और समर्थन प्रदान किया जाए ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से निभा सकें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई यह उच्च स्तरीय बैठक भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सशस्त्र बलों को दी गई पूर्ण संचालनिक स्वतंत्रता और आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की प्रतिबद्धता से स्पष्ट है कि भारत किसी भी प्रकार के आतंकवादी खतरे का सामना करने के लिए तैयार है।

सरकार के इन प्रयासों से देशवासियों में सुरक्षा की भावना मजबूत होगी और भारत की वैश्विक स्तर पर एक मजबूत और निर्णायक राष्ट्र के रूप में पहचान और सुदृढ़ होगी।


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