पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे मधुबनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद बिहार के मधुबनी का दौरा किया, जिसमें उन्होंने विकास और सुरक्षा के मुद्दों पर जोर दिया।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को बिहार के मधुबनी पहुंचे। इस दौरे के जरिए उन्होंने देश की सुरक्षा और विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। यह यात्रा उस समय हुई जब पूरा देश शोक और गुस्से में डूबा है।
आतंक के खिलाफ सख्त संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि ऐसे कायराना हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। “भारत आतंकवाद के आगे झुकेगा नहीं। हर एक बूंद खून का हिसाब लिया जाएगा,” उन्होंने कहा। यह बात सुनकर भीड़ में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
विकास पर भी रहा जोर
हालिया घटना का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने देश के विकास को आगे बढ़ाने की बात दोहराई। उन्होंने मिथिलांचल क्षेत्र में कई विकास योजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें सड़क परियोजनाएं, शैक्षणिक संस्थान और ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाएं शामिल हैं।
सुरक्षा व्यवस्था में बढ़ोतरी
मधुबनी पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री ने गृह मंत्रालय और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, कश्मीर के पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और हमले के दोषियों का पता लगाने के लिए खुफिया एजेंसियों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जा रहा है।
जनता की प्रतिक्रिया
कार्यक्रम में शामिल लोगों की भावनाएं मिली-जुली रहीं। कुछ लोग हाथों में तख्तियां लिए हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता जता रहे थे, जबकि अन्य सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना कर रहे थे। पीएम मोदी की मधुबनी में मौजूदगी को लोगों ने सरकार की सजगता और संवेदनशीलता का प्रतीक माना।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने पीएम मोदी की यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुट कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। हालांकि उन्होंने विकास घोषणाओं का स्वागत किया, लेकिन साथ ही सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र की खामियों को लेकर चिंता भी जताई।
आगे की राह
यह दौरा पहलगाम हमले के बाद बने राजनीतिक परिदृश्य में एक निर्णायक क्षण साबित हो सकता है। जबकि पूरा देश शोक में है, सरकार का संदेश स्पष्ट है: विकास और सुरक्षा दोनों साथ चलेंगे। पीएम मोदी का यह आश्वासन कि हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, देश के लोगों की न्याय की मांग से मेल खाता है।
मधुबनी में प्रधानमंत्री मोदी का दौरा केवल एक राजनीतिक पहल नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ एक मजबूत प्रतीकात्मक उत्तर भी है। विकास योजनाओं और राष्ट्रवादी भावनाओं का यह मिश्रण केंद्र सरकार की दोहरी रणनीति को दर्शाता है – एक ओर आतंकवाद से सख्ती से निपटना और दूसरी ओर क्षेत्रीय प्रगति को बढ़ावा देना। संदेश साफ है – भारत आतंक के सामने न कभी झुका है, न झुकेगा।