राष्ट्रपति जी के संबोधन ने प्रगति और सुशासन का रोडमैप प्रस्तुत किया
राष्ट्रपति जी के संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए प्रगति और सुशासन का रोडमैप प्रस्तुत किया गया। इसमें भारत की उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं का उल्लेख किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में राष्ट्रपति जी के संसद के दोनों सदनों को संबोधित करने पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी का भाषण व्यापक था और इसमें प्रगति और सुशासन का एक रोडमैप प्रस्तुत किया गया। यह भाषण भारत की उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं को दर्शाता है, साथ ही कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों का भी उल्लेख करता है जिनका हमें सामूहिक रूप से समाधान करना होगा ताकि हमारे नागरिकों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन आ सके।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति जी का संबोधन हमारे देश की प्रगति और सुशासन के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है। इसमें उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों का उल्लेख किया गया है जहाँ हमने उल्लेखनीय प्रगति की है और उन संभावनाओं का भी उल्लेख किया गया है जो हमारे सामने हैं।”
राष्ट्रपति जी के भाषण में भारत की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे विकास कार्यों और सरकार की नीतियों का उल्लेख किया जो देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाए गए कदम हैं। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और उद्योग के क्षेत्र में हो रही प्रगति पर विशेष जोर दिया।
राष्ट्रपति जी ने अपने भाषण में कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए हमें कुछ प्रमुख चुनौतियों का सामना करना होगा। इन चुनौतियों में आर्थिक असमानता, जलवायु परिवर्तन, और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों का समाधान सामूहिक प्रयासों से ही संभव है और इसके लिए सभी नागरिकों का सहयोग आवश्यक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जी के भाषण की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह भाषण न केवल हमारे अतीत की उपलब्धियों को याद दिलाता है बल्कि हमें भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार करता है। उन्होंने कहा कि यह भाषण हमारे नागरिकों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाने के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जी के भाषण में उल्लिखित योजनाओं और नीतियों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हमें मिलकर काम करना होगा ताकि हमारे देश की प्रगति का लाभ हर नागरिक तक पहुँच सके।
राष्ट्रपति जी के भाषण में देश की विविधता और एकता को भी विशेष महत्व दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत उसकी विविधता में निहित है और हमें इस विविधता को बनाए रखना होगा ताकि हम एक मजबूत और समृद्ध देश का निर्माण कर सकें।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने समापन भाषण में कहा कि हमें राष्ट्रपति जी के मार्गदर्शन का पालन करते हुए देश की प्रगति और सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना होगा।