लखनऊ बिस्किट फैक्ट्री में आग लगने से दो लोगों की मौत

लखनऊ के सरोजिनी नगर इलाके में एक बिस्किट फैक्ट्री में भीषण आग लग गई, जिससे मालिक समेत दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने फैक्ट्री सुरक्षा और आपातकालीन तैयारियों को लेकर तत्काल चर्चा को जन्म दिया है।
लखनऊ के सरोजिनी नगर में स्थित एक बिस्किट निर्माण इकाई में शनिवार देर रात एक भयावह आग लग गई। आग की लपटें तेजी से पूरे परिसर को अपनी चपेट में ले रही थीं, जिसमें फैक्ट्री के मालिक समेत दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है और औद्योगिक सुरक्षा प्रथाओं को लेकर चिंताजनक सवाल खड़े कर दिए हैं।
देर रात लगी आग जानलेवा बन गई
बताया जा रहा है कि आग रात करीब 11:30 बजे लगी थी, जिसकी शुरुआत इमारत के उत्पादन खंड के पास धुआँ और चिंगारी देखकर हुई। कुछ ही क्षणों में आग ने पूरी तरह से विकराल रूप ले लिया, जिससे रात का आसमान जगमगा उठा और आस-पास के निवासियों और श्रमिकों में दहशत फैल गई। दमकलकर्मी और बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन आग की लपटों की तीव्रता के कारण उन्हें कई घंटों तक संघर्ष करना पड़ा।
मालिक और कर्मचारी बुरी तरह फंसे
बहादुरी से बचाव के प्रयासों के बावजूद, फैक्ट्री मालिक और एक वरिष्ठ कर्मचारी आग की चपेट में आई इमारत से बाहर निकलने में असमर्थ रहे। बाद में दमकल कर्मियों ने सुलगते खंडहरों में गहन खोजबीन के बाद उनके शव बरामद किए। प्रत्यक्षदर्शियों ने मदद के लिए चीख-पुकार सुनने और असहाय होकर यह देखने के बारे में रोते हुए बताया कि आग ऊपरी मंजिलों को कैसे अपनी चपेट में ले रही थी, जहां माना जा रहा था कि दोनों फंस गए हैं।
संदिग्ध कारण: विद्युत शॉर्ट सर्किट
प्रारंभिक जांच से शुरुआती संकेत यह संकेत देते हैं कि आग शायद बिजली के शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी होगी। हालांकि, अधिकारियों ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। फोरेंसिक टीम से सटीक कारण का पता लगाने के लिए विस्तृत विश्लेषण करने की उम्मीद है। तब तक, अधिकारी आस-पास की सभी फैक्ट्रियों से अपने बिजली के सिस्टम और सुरक्षा अनुपालन की दोबारा जांच करने का आग्रह कर रहे हैं।
शोक संवेदनाओं के आगमन से समुदाय में शोक
मौतों की खबर से सरोजिनी नगर इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय निवासी और व्यापारिक समुदाय के लोग पूरे दिन घटनास्थल पर आते रहे, कई लोगों ने श्रद्धांजलि के तौर पर फूल और मोमबत्तियाँ जलाईं। एक निवासी ने आंसू रोकते हुए कहा, “यह विश्वास करना मुश्किल है कि घर से कुछ ही ब्लॉक दूर इतनी भयावह घटना हो सकती है।” माहौल साझा दुख और सामूहिक उम्मीद का था कि बदलाव आएंगे।
सरकार ने कार्रवाई और मुआवज़े का वादा किया
स्थानीय सरकारी अधिकारियों ने रविवार सुबह घटनास्थल का दौरा किया और त्वरित कार्रवाई का वादा किया। जिला मजिस्ट्रेट ने आश्वासन दिया कि पूरी जांच शुरू की जाएगी और मृतकों के परिवारों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। अधिकारी ने एक भावुक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “हम दर्द को कम नहीं कर सकते, लेकिन हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि पीछे छूट गए लोगों को सहायता और न्याय मिले।”
अग्नि सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में
इस घटना ने एक बार फिर छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों में अग्नि सुरक्षा मानकों की भयावह स्थिति को उजागर किया है। इनमें से कई कारखाने पुरानी इमारतों में संचालित होते हैं, जिनमें पुरानी वायरिंग और अपर्याप्त अग्नि नियंत्रण तंत्र हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जब तक अनिवार्य अग्नि ऑडिट लागू नहीं किए जाते और आपातकालीन प्रणालियों का आधुनिकीकरण नहीं किया जाता, तब तक ऐसी ही त्रासदियाँ अपरिहार्य हो सकती हैं।
ज़मीन से आवाज़ें
एक जीवित व्यक्ति, जो रात की घटना से अभी भी सदमे में है, ने बताया, “हमें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि क्या हो रहा है। एक मिनट, सब कुछ सामान्य था, अगले ही पल, हर जगह धुआँ था।” एक अन्य कर्मचारी ने कहा, “हमें बेहतर अलार्म, बेहतर निकास की आवश्यकता है, ऐसा नहीं होना चाहिए था।” ये कच्ची गवाही कार्यस्थल सुरक्षा मानकों के सुधार और बेहतर निगरानी की व्यापक मांग को दर्शाती है।
औद्योगिक सुरक्षा के लिए एक चेतावनी
लखनऊ बिस्किट फैक्ट्री त्रासदी सिर्फ़ एक स्थानीय घटना नहीं है, यह देश भर के औद्योगिक क्षेत्रों के लिए एक गंभीर चेतावनी है। औद्योगिक सुरक्षा के विशेषज्ञ व्यापक निरीक्षण, कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और अधिकारियों द्वारा सख्त अनुपालन निगरानी की मांग कर रहे हैं। लक्ष्य हर कर्मचारी के सुरक्षित कार्यस्थल के अधिकार की रक्षा करना होना चाहिए।