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वक्फ कानून सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई

Waqf Law Hearing Hearing started in Supreme Court
पढ़ने का समय: 5 मिनट
Maharanee Kumari

वक्फ अधिनियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। जानिए इस कानून से जुड़ी जटिलताएं, हिंदू पक्ष की आपत्तियां और इसके प्रभाव।

भारत के सुप्रीम कोर्ट में आज एक अत्यंत महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई शुरू हुई, जो वक्फ अधिनियम से जुड़ी है। इस मामले ने देशभर में ध्यान आकर्षित किया है क्योंकि इससे धार्मिक और संवैधानिक संतुलन का सवाल जुड़ा हुआ है।

इस सुनवाई के दौरान कोर्ट यह तय करेगा कि वक्फ अधिनियम 1995 की संवैधानिक वैधता क्या है और क्या यह अधिनियम किसी विशेष समुदाय को अनुचित लाभ देता है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह कानून धार्मिक असमानता को बढ़ावा देता है और संविधान की धारा 14 का उल्लंघन करता है।

यह याचिका एक प्रमुख संस्था द्वारा दायर की गई है, जिसने यह मुद्दा उठाया कि देश में हजारों एकड़ ज़मीन वक्फ के अधीन है, जिनमें से कई को विवादास्पद तरीके से अधिग्रहित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि बिना नोटिस के संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ घोषित करना अनुचित और असंवैधानिक है।

भारत में वक्फ बोर्ड एक धार्मिक संस्था है, जिसे मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों के प्रबंधन के लिए बनाया गया था। हालांकि, अब कई हिंदू संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता इसे चुनौती दे रहे हैं कि यह बोर्ड केवल एक विशेष धर्म के लिए काम करता है और अन्य समुदायों के अधिकारों की अनदेखी करता है।

वर्तमान कानून के अनुसार, यदि वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करता है, तो मालिक को उस निर्णय के खिलाफ अपील करने के लिए सीमित विकल्प मिलते हैं। इसे लेकर बड़ी संख्या में लोग यह मांग कर रहे हैं कि कानून में संशोधन किया जाए या इसे पूरी तरह रद्द किया जाए।

याचिकाकर्ताओं की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार को निर्देश दे कि वह एक निष्पक्ष और धर्मनिरपेक्ष भूमि नीति बनाए, जो सभी नागरिकों के लिए समान हो। उनका कहना है कि वर्तमान वक्फ कानून न केवल भेदभाव करता है, बल्कि यह कानून संपत्ति विवादों को बढ़ाने वाला बन गया है।

इस पूरे मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जल्द सुनवाई के लिए सहमति दी और कहा कि इस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता में एक बेंच इस केस की निगरानी कर रही है।

सरकार की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वे कानून की समीक्षा करने को तैयार हैं यदि सुप्रीम कोर्ट इसे असंवैधानिक मानता है।

इससे पहले भी कई बार वक्फ बोर्ड की शक्तियों को लेकर विवाद हुए हैं। कुछ राज्यों में वक्फ बोर्ड पर भूमि पर अवैध कब्जे और पारदर्शिता की कमी के आरोप लगे हैं। यही कारण है कि अब इस मामले को संविधान के दायरे में जांचा जा रहा है।

अदालत में इस समय कई अन्य याचिकाएं भी लंबित हैं, जिनमें इसी तरह की मांग की गई है। ऐसे में इस सुनवाई से आने वाले समय में बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है।

जनता के एक बड़े वर्ग की भी इस मामले में दिलचस्पी है, खासकर उन लोगों की जो वर्षों से जमीन विवादों से परेशान हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है।

जैसे-जैसे यह मामला आगे बढ़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट वक्फ अधिनियम को लेकर क्या रुख अपनाता है और क्या यह देश की भूमि नीति को एक नई दिशा देगा।


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