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सूर्य देव के परिवार का विस्तृत विवरण

Detailed description of the family of Surya Dev
पढ़ने का समय: 5 मिनट
Amit Kumar Jha

सूर्य देव के परिवार का विस्तृत विवरण, उनकी पत्नियाँ और संतानें।

कलयुग में एकमात्र प्रत्यक्ष रूप से देवता के रूप में गिने जाने वाले सूर्य देव को रविवार का दिन समर्पित किया गया है। सूर्य देव ग्रह नहीं, बल्कि एक देवता हैं। सूर्य ग्रह को वेदों में जगत की आत्मा कहा गया है। ज्योतिष के कुछ ग्रंथों और पुराणों में इन्हीं सूर्य को सूर्य देव से जोड़कर भी देखा जाता है जबकि सूर्य देव का जन्म धरती पर ही हुआ माना जाता है।

एक अन्य कथा के अनुसार कश्यप की पत्नी अदिति ने सूर्य साधना करके अपने गर्भ से एक तेजस्वी पुत्र को जन्म दिया था। यह भी कहा जाता है कि सूर्यदेव ने ही उन्हें उनके गर्भ से उत्पन्न होने का वरदान दिया था।

सूर्य देव का परिवार

Detailed description of the family of Sun God

सूर्यदेव के माता-पिता

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सूर्य देव के पिता का नाम महर्षि कश्यप और उनकी माता का नाम अदिति था। माता अदिति की कोख से जन्म लेने की वजह से ही उनका नाम आदित्य हुआ।

सूर्य देव की पत्नियाँ

सूर्य देव की पत्नियों के संदर्भ में प्रचलित कथाओं के अनुसार, उनकी मुख्य पत्नियाँ संज्ञा और छाया मानी जाती हैं। हालांकि, कुछ पौराणिक संदर्भों में सूर्य देव की दो अन्य पत्नियाँ, उषा और प्रत्युषा का भी उल्लेख मिलता है।

  • संज्ञा: विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा विवस्वान् की पत्नी थीं। उनके गर्भ से सूर्य ने तीन संतानें उत्पन्न कीं: प्रजापति श्राद्धदेव (वैवस्वत मनु), यम और यमुना।
  • छाया: छाया, संज्ञा की छाया से उत्पन्न हुईं। उनके गर्भ से सूर्य ने सावर्णि मनु, शनैश्चर (शनि) और तपती नामक कन्या को जन्म दिया।
  • उषा (सुबह की देवी): उषा को सुबह की देवी माना जाता है और वे सुबह के समय का प्रतीक हैं।
  • प्रत्युषा (शाम की देवी): प्रत्युषा को शाम की देवी माना जाता है और वे शाम के समय का प्रतीक हैं।

सूर्य देव की संतानें

सूर्य देव की संतानों का विशेष स्थान और महत्व है:

  • यमराज: यमराज मृत्यु के देवता और पितरों के स्वामी माने जाते हैं।
  • यमुनाजी: यमुनाजी सूर्य की दूसरी संतान और ज्येष्ठ पुत्री हैं, जो यमुना नदी के रूप में प्रसिद्ध हैं।
  • वैवस्वत मनु: वे मनुष्यों के पहले मनु माने जाते हैं और मनु-स्मृति के लेखक हैं।
  • शनिदेव: शनिदेव न्याय के देवता और कर्मों के अनुसार फल देने वाले माने जाते हैं।
  • तपती: छाया और सूर्य की कन्या तपती का विवाह राजा संवरण के साथ हुआ। वे ताप्ती नदी के रूप में अवतरित हुईं।
  • सावर्णि मनु: वे आठवें मनु माने जाते हैं और अगले मन्वन्तर के अधिपति होंगे।
  • विष्टि या भद्रा: विष्टि भद्रा को नक्षत्र लोक में स्थान मिला है।
  • अश्विनी कुमार: अश्विनी कुमार देवताओं के वैद्य माने जाते हैं।
  • कर्ण: महाभारत के महानायक कर्ण, सूर्य देव के कृपा से कुंती को प्राप्त हुए थे।

इस प्रकार, सूर्य देव के परिवार का विवरण और उनके सभी सदस्यों का धार्मिक और पौराणिक महत्व विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। उनके जीवन और योगदान से हमें अनेक सीख मिलती हैं।


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