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रक्षा बंधन 2024: तिथि, समय, अनुष्ठान और महत्व

Raksha Bandhan 2024 Date Timings Rituals and Significance
पढ़ने का समय: 5 मिनट
Amit Kumar Jha

रक्षा बंधन 2024: भाई-बहन के बीच बंधन का जश्न मनाने वाले त्योहार की तिथि, समय, अनुष्ठान और महत्व।

भाई-बहन के बीच के बंधन को मनाने वाला त्योहार रक्षा बंधन हिंदू महीने सावन की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी (एक पवित्र धागा) बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। प्यार और स्नेह से भरा यह खुशी का त्योहार इस साल 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। आइए रक्षा बंधन 2024 के शुभ मुहूर्त, अनुष्ठान और महत्व के बारे में जानें।

रक्षा बंधन 2024 कब है?

रक्षा बंधन 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन सावन महीने का आखिरी सोमवार भी है, जो इसे और भी शुभ बनाता है। हालांकि, इस साल सावन की पूर्णिमा भद्रा के प्रभाव में है, इसलिए इस दिन पूजा करने के लिए शुभ समय जानना बहुत जरूरी है।

रक्षा बंधन 2024 के लिए भद्रा समय

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भद्रा के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। भद्रा 18 अगस्त 2024 को प्रातः 2:21 बजे से प्रारम्भ होकर 19 अगस्त 2024 को दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी। इस अवधि में राखी नहीं बांधनी चाहिए। राखी बांधने का शुभ समय भद्रा समाप्त होने के बाद है।

रक्षा बंधन 2024 के लिए शुभ मुहूर्त

सावन की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त 2024 को सुबह 3:44 बजे से शुरू होकर उसी दिन रात 11:55 बजे समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024 को भद्रा काल समाप्त होने के बाद मनाया जाना चाहिए। राखी बांधने का सबसे शुभ समय दोपहर 1:26 बजे से शाम 6:25 बजे तक है।

रक्षा बंधन 2024 के लिए शुभ मुहूर्त

सावन की पूर्णिमा यानी 19 अगस्त 2024 को राखी बांधने का शुभ समय दोपहर 1:32 बजे से शाम 4:20 बजे तक रहेगा। इसके अलावा प्रदोष काल में शाम 6:56 बजे से रात 9:08 बजे तक राखी बांधना शुभ रहेगा। इस दौरान बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं।

रक्षा बंधन का महत्व और अनुष्ठान

रक्षा बंधन के दिन भाई-बहन स्नान करके और साफ कपड़े पहनकर दिन की शुरुआत करते हैं। फिर वे घर के देवता के सामने एक छोटी सी प्रार्थना करते हैं। राखी की थाली में राखी, कुमकुम (सिंदूर), चावल के दाने, नारियल, सिर के लिए एक छोटा कपड़ा, घी का दीपक, पानी का एक बर्तन, सुपारी, धागा, दही और मिठाई रखी जाती है।

रक्षाबंधन का ऐतिहासिक महत्व

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्रौपदी ने सुदर्शन चक्र के घाव से बहते खून को रोकने के लिए भगवान कृष्ण की उंगली पर अपनी साड़ी का एक टुकड़ा बांधा था। उसके इस कदम से अभिभूत होकर कृष्ण ने द्रौपदी की हमेशा रक्षा करने का वादा किया। उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपमानित होने पर अपनी यह प्रतिज्ञा पूरी की और उसकी गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित की।

रक्षा बंधन एक खूबसूरत त्योहार है जो भाई-बहन के बीच प्यार और सुरक्षा के बंधन को मजबूत करता है। इस साल यह त्योहार 19 अगस्त, 2024 को मनाया जाएगा, जिसमें अनुष्ठान करने के लिए शुभ समय प्रदान किया गया है। जब बहनें अपने भाइयों की कलाई पर पवित्र राखी बांधती हैं, तो आजीवन सुरक्षा और प्यार का वादा फिर से पुष्ट होता है, जिससे उनका रिश्ता और भी मजबूत होता है।


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