अब्दुल बासित की चेतावनी: “अगर भारत ने कुछ किया तो पाकिस्तान भी करेगा जवाबी कार्रवाई”

पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर भारत ने कोई कार्रवाई की तो पाकिस्तान भी जवाब देगा। यह बयान पहलगाम आतंकी हमले के बाद आया है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से तनाव गहराने लगा है। इस बीच पाकिस्तान के भारत में पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने एक भड़काऊ बयान देते हुए कहा है कि अगर भारत ने कोई भी कार्रवाई की, तो पाकिस्तान भी चुप नहीं बैठेगा।
पहलगाम हमला: एक भयावह घटना
कश्मीर के बाईसरन वैली में पर्यटकों पर हुए इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में हनीमून पर आए एक नवविवाहित जोड़े की मौत हो गई। इस घटना के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया है और कड़ी कार्रवाई की मांग हो रही है।
अब्दुल बासित का विवादित बयान
एक मीडिया बातचीत के दौरान अब्दुल बासित ने कहा, “अगर भारत कुछ करता है, तो पाकिस्तान भी जवाब देगा।” उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत गहरे शोक में है और आतंकियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की तैयारी में है।
भारत का सख्त रुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सहित कई नेताओं ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। भारत हमेशा से पाकिस्तान पर आतंकी संगठनों को शरण देने का आरोप लगाता रहा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
वैश्विक समुदाय भी इस हमले की गंभीरता को समझ रहा है। कई देश भारत के साथ एकजुटता जता चुके हैं। हालांकि अब्दुल बासित के बयान पर अभी तक पाकिस्तान सरकार की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।
कौन हैं अब्दुल बासित?
अब्दुल बासित 2014 से 2017 तक भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान वह कई विवादित टिप्पणियों के लिए जाने गए। भारत के खिलाफ उनकी बयानबाजी अक्सर सुर्खियों में रहती है।
सीमा पर बढ़ी सतर्कता
हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है और इंटेलिजेंस एजेंसियां हमले की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया गया है।
भारत-पाक रिश्तों पर असर
पहले से ही तनावपूर्ण भारत-पाक संबंध इस घटना और बयान के बाद और बिगड़ सकते हैं। जिस प्रकार से बासित ने भारत को चुनौती दी है, उससे यह स्पष्ट है कि निकट भविष्य में किसी प्रकार की शांति वार्ता की संभावना नहीं है।
क्या होगा आगे?
राजनीतिक हलकों में राष्ट्रवाद की लहर तेज हो रही है। भारत साफ कर चुका है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। भारत की प्राथमिकता अपने नागरिकों की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा करना है।
पहलगाम हमले के बाद अब्दुल बासित का बयान भारत-पाक संबंधों को एक बार फिर संवेदनशील मोड़ पर ले आया है। अब देखना यह है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस तनावपूर्ण स्थिति में क्या रुख अपनाता है। एक गलत कदम पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है, इसलिए दोनों देशों को संयम से काम लेना होगा।