इस्तांबुल में भूकंप के बाद घबराहट में 150 से अधिक लोग घायल

तुर्की के इस्तांबुल में हल्के भूकंप के बाद घबराहट में 150 से अधिक लोग घायल हो गए। घबराकर बालकनी से कूदने की घटनाओं के कारण कई लोगों को चोटें आईं।
तुर्की की सांस्कृतिक राजधानी इस्तांबुल में एक हल्के भूकंप के बाद भारी अफरातफरी मच गई, जिससे 150 से अधिक लोग घायल हो गए। भूकंप की तीव्रता अधिक नहीं थी, लेकिन रात के समय आए इस झटके ने लोगों को बुरी तरह डरा दिया, जिसके कारण कई लोग डर के मारे इमारतों से कूद गए।
डर के माहौल में फैली अफरा-तफरी
यह भूकंप रात में आया, जब ज्यादातर लोग अपने घरों में सो रहे थे। अचानक झटका महसूस होते ही लोग घबराकर बालकनी या खिड़की से कूदने लगे, जिससे कई लोगों को गंभीर चोटें आईं।
घायलों की संख्या 150 पार
स्थानीय अस्पतालों में घायलों की भीड़ उमड़ पड़ी। अधिकतर को फ्रैक्चर, मोच या सिर पर चोटें आईं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश लोग किसी इमारत के गिरने से नहीं, बल्कि अपनी घबराहट के कारण घायल हुए।
आपात सेवाओं की सक्रियता
घटना के तुरंत बाद फायर ब्रिगेड और मेडिकल टीमें मौके पर पहुंच गईं। कई इमारतों को खाली कराया गया और एंबुलेंस लगातार काम में जुटी रही। प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
संरचनात्मक नुकसान नहीं
इंजीनियरों और नगर अधिकारियों ने शहर की प्रमुख इमारतों का निरीक्षण किया, जिसमें किसी गंभीर संरचनात्मक क्षति की पुष्टि नहीं हुई। यह राहत की बात रही कि नई तकनीक से बनी इमारतें सुरक्षित रहीं।
धार्मिक स्थलों का सहारा
भूकंप के बाद कई मस्जिदों ने शरण देने के लिए अपने द्वार खोल दिए। धार्मिक नेताओं ने लोगों को ढांढस बंधाया और सामूहिक प्रार्थनाओं का आयोजन किया गया, जिससे लोगों में विश्वास और साहस की भावना बनी रही।
सरकार का बयान
तुर्की की आपदा प्रबंधन एजेंसी (AFAD) ने बयान जारी कर लोगों को अफवाहों से बचने और केवल आधिकारिक सूचना पर ध्यान देने की सलाह दी। सरकार ने आपात प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और नागरिकों को बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए तैयार करने की योजना की घोषणा की।
सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया पर लोग इस्तांबुल की रात को यादगार बताते हुए वीडियो और तस्वीरें साझा कर रहे हैं। कई लोगों ने सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया की प्रशंसा की, तो कुछ ने भूकंप सुरक्षा को लेकर जन-जागरूकता बढ़ाने की मांग की।
भविष्य के लिए सबक
यह घटना यह दिखाती है कि केवल प्रकृति से नहीं, बल्कि भय से भी नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों ने स्कूलों, संस्थानों और घरों में नियमित आपदा अभ्यास की सिफारिश की है।
इस्तांबुल भूकंप में कोई बड़ा संरचनात्मक नुकसान नहीं हुआ, लेकिन मानसिक भय से उत्पन्न नुकसान बड़ा रहा। यह घटना दर्शाती है कि जागरूकता और मानसिक तैयारी ही ऐसी परिस्थितियों में सबसे बड़ा बचाव हो सकती है।