शेख हसीना के बेटे ने कहा कि वह कभी बांग्लादेश नहीं लौटेंगे
शेख हसीना के बेटे साजिब जॉय ने कहा कि कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं और हिंदू मंदिरों पर बढ़ते हमलों के बीच उनकी मां कभी बांग्लादेश नहीं लौटेगी।
ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे साजिद वाजेद जॉय ने एक चौंकाने वाले और भावनात्मक बयान में कहा कि उनकी मां कभी बांग्लादेश नहीं लौटेगी। यह घोषणा देश भर में हिंदुओं और हिंदू मंदिरों पर कट्टरपंथियों के बढ़ते हमलों के बीच की गई है।
जॉय का भावनात्मक वक्तव्य
साजीब जॉय ने बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसा पर गहरी निराशा और थकावट व्यक्त की। उन्होंने कहा, "मेरा परिवार तीन बार, तीन तख्तापलटों से गुज़रा है। इसके बाद, हम थक चुके हैं। देश अब अपनी समस्याओं को खुद संभाल सकता है।" उनके शब्दों ने बार-बार तख्तापलट और राजनीतिक अस्थिरता का सामना करने के बाद उनके परिवार द्वारा महसूस की गई थकान और मोहभंग को उजागर किया।
हिंदुओं और हिंदू मंदिरों पर हमले
जॉय ने हिंदुओं और हिंदू मंदिरों को निशाना बनाकर कट्टरपंथियों द्वारा की जा रही हिंसा पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "कट्टरपंथी अब हिंदुओं और हिंदू मंदिरों पर हमला कर रहे हैं।" यह बयान बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा सामना किए जा रहे गंभीर धार्मिक तनाव और खतरों को रेखांकित करता है।
बांग्लादेश में बदलाव
अपनी मां के कार्यकाल को याद करते हुए जॉय ने शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर गर्व से कहा। उन्होंने कहा, "मेरी मां ने बांग्लादेश को बदल दिया। जब उन्होंने सत्ता संभाली, तो इसे एक असफल और गरीब देश माना जाता था। आज तक, इसे एशिया के उभरते बाघों में से एक माना जाता है।" आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण में शेख हसीना के प्रयासों को व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है, जिससे बांग्लादेश एक आशाजनक भविष्य के साथ बढ़ती अर्थव्यवस्था में बदल गया है।
परिवार का संघर्ष
जॉय के बयान में उनके परिवार द्वारा झेले गए व्यक्तिगत बलिदानों और संघर्षों पर भी प्रकाश डाला गया। उन्होंने उल्लेख किया कि उनका परिवार हर बार देश को बचाने से थक गया है, जो उनके राजनीतिक सफर में उनके द्वारा सामना किए गए भारी दबाव और चुनौतियों को दर्शाता है। बार-बार तख्तापलट और धमकियों ने उन पर भारी असर डाला है, जिसके कारण उन्होंने पीछे हटने का फैसला किया है।
बांग्लादेश का भविष्य
शेख हसीना के जाने के बाद जॉय ने बांग्लादेश की अपनी समस्याओं को खुद संभालने की क्षमता पर भरोसा जताया। उन्होंने संकेत दिया कि अब समय आ गया है कि देश जिम्मेदारी ले और अपने परिवार के नेतृत्व पर निर्भर हुए बिना अपने भविष्य को तय करे। यह बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जो देश की दिशा और स्थिरता के बारे में सवाल उठाता है।
शेख हसीना के बांग्लादेश से स्थायी रूप से चले जाने के बारे में साजीब जॉय की घोषणा राजनीतिक नेताओं और उनके परिवारों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों और बलिदानों की एक मार्मिक याद दिलाती है। बांग्लादेश में बढ़ती कट्टरपंथी हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के कारण देश का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है। शेख हसीना के परिवर्तनकारी नेतृत्व की विरासत को याद रखा जाएगा, लेकिन अब यह बांग्लादेश के लोगों पर निर्भर है कि वे अपना रास्ता खुद तय करें।