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ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय हॉकी टीम की ऐतिहासिक जीत

Indian Hockey Team Historic Win Against Australia at the Olympics
पढ़ने का समय: 5 मिनट
Maharanee Kumari

भारतीय हॉकी टीम ने 52 साल में पहली बार ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक 3-2 से जीत हासिल की। ​​मनु भाकर 25 मीटर पिस्टल में तीसरे फाइनल के लिए क्वालीफाई।

ओलंपिक में ऐतिहासिक मैच में भारतीय हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3-2 से शानदार जीत हासिल की, जो 52 वर्षों में ऑस्ट्रेलिया पर उनकी पहली जीत थी। पिछली बार भारत ने ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया पर 1972 में जीत हासिल की थी। इस उल्लेखनीय उपलब्धि ने दुनिया भर में भारतीय हॉकी प्रशंसकों के बीच उम्मीदों और उत्साह को फिर से जगा दिया है।

एक रोमांचक हॉकी मैच

यह मैच रोमांचक रहा, जिसमें दोनों टीमों ने असाधारण कौशल और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। भारत ने शानदार गोल करके शुरुआती बढ़त हासिल कर ली, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने तुरंत जवाब दिया, जिससे यह मुकाबला काफ़ी करीबी हो गया। भारतीय टीम ने उल्लेखनीय लचीलापन और रणनीतिक कौशल दिखाया, अंततः अंतिम मिनटों में निर्णायक गोल करके जीत हासिल की। ​​यह जीत न केवल लंबे समय से चले आ रहे सूखे को खत्म करती है, बल्कि टूर्नामेंट में आगे बढ़ने के लिए टीम के लिए एक महत्वपूर्ण मनोबल बढ़ाने का काम भी करती है।

मनु भाकर का उल्लेखनीय प्रदर्शन

भारतीय खेलों के लिए एक और उल्लेखनीय उपलब्धि यह रही कि दो बार की पेरिस ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर ने 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल के लिए क्वालीफाई करके एक बार फिर अपनी असाधारण प्रतिभा का परिचय दिया। यह मौजूदा ओलंपिक में उनका तीसरा फाइनल क्वालीफिकेशन है, जो प्रतिस्पर्धी शूटिंग में उनकी निरंतरता और कौशल को दर्शाता है। क्वालीफायर के माध्यम से भाकर का सफर प्रभावशाली रहा है और अब सभी की निगाहें उन पर टिकी हैं क्योंकि उनका लक्ष्य एक और पदक जीतना है।

तीरंदाजी में भारत की आशाजनक संभावनाएं

अंकिता भक्त और धीरज बोम्मादेवरा के प्रभावशाली प्रदर्शन से तीरंदाजी में ऐतिहासिक पदक जीतने की भारत की उम्मीदें बढ़ गई हैं। यह जोड़ी अपनी तालमेल और सटीकता का प्रदर्शन करते हुए मिश्रित टीम स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई है। क्वार्टर फाइनल तक का उनका सफर दमदार प्रदर्शन और लक्ष्य पर स्पष्ट ध्यान केंद्रित करने से चिह्नित है, जिससे संभावित पोडियम फिनिश की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ

भारतीय हॉकी टीम की जीत और मनु भाकर तथा तीरंदाजी टीम जैसे एथलीटों की व्यक्तिगत सफलताओं को व्यापक प्रशंसा मिली है। राष्ट्रीय नेताओं, खेल जगत के दिग्गजों और प्रशंसकों ने इन उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हॉकी टीम को बधाई दी और उनकी जीत के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। इसी तरह, भाकर की योग्यता को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण बताया गया है, जिसने देश भर के युवा एथलीटों को प्रेरित किया है।

आगे देख रहा

इन महत्वपूर्ण उपलब्धियों के साथ, ओलंपिक में भारत का दल आशावाद और प्रत्याशा की लहर पर सवार है। हॉकी टीम की जीत उनके आगामी मैचों के लिए एक आशाजनक माहौल बनाती है, जबकि मनु भाकर की एक और फाइनल में मौजूदगी निशानेबाजी में भारत की पदक की उम्मीदों को जीवित रखती है। इसके अलावा, तीरंदाजी में अंकिता भक्त और धीरज बोम्मादेवरा की प्रगति इस खेल में ऐतिहासिक पदक की उम्मीद की किरण प्रदान करती है।

ओलंपिक जारी रहने के साथ ही भारतीय एथलीटों के प्रदर्शन ने देश को गौरव और खुशी दी है। हॉकी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत, मनु भाकर की प्रभावशाली योग्यता और तीरंदाजी में आशाजनक संभावनाओं ने दृढ़ संकल्प और उत्कृष्टता की एक प्रेरक कहानी में योगदान दिया है। भारत सांस रोककर देख रहा है कि उसके एथलीट ओलंपिक में और अधिक गौरव लाने और इतिहास रचने का प्रयास कर रहे हैं।


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