सुनील छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय करियर को कहा अलविदा, 6 जून को आखिरी मैच
सुनील छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास की घोषणा की, उनका आखिरी मैच 6 जून को कोलकाता में कुवैत के खिलाफ होगा।
सुनील छेत्री ने अपने शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहने की घोषणा की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि 6 जून को कोलकाता में कुवैत के खिलाफ संयुक्त फीफा विश्व कप और एएफसी एशियाई कप क्वालीफायर मैच ब्लू टाइगर्स के लिए उनका आखिरी मैच होगा।
अंतरराष्ट्रीय पदार्पण और शानदार करियर
छेत्री ने 12 जून 2005 को पाकिस्तान के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। 150 मैचों में 94 गोल के साथ, छेत्री वर्तमान में सक्रिय खिलाड़ियों में क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेस्सी के बाद तीसरे सबसे शानदार स्कोरर हैं और कुल मिलाकर चौथे स्थान पर हैं।
उपलब्धियां और सम्मान
छेत्री ने भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम को 2008 में एएफसी चैलेंज कप, 2011 और 2015 में एसएएफएफ चैम्पियनशिप, 2007, 2009 और 2012 में नेहरू कप और 2017 और 2018 में इंटरकांटिनेंटल कप जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें 2011 में अर्जुन पुरस्कार, 2019 में पद्म श्री और 2021 में खेल रत्न से सम्मानित किया गया। वह यह पुरस्कार पाने वाले पहले फुटबॉलर हैं।
फैंस के साथ एक यादगार अपील
2018 में, छेत्री ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसे 'बोतल में बिजली' के क्षण के रूप में वर्णित किया जा सकता है। उन्होंने फैंस से भारतीय फुटबॉल का समर्थन करने की अपील की और स्टेडियम में आकर टीम को देखने के लिए कहा। उनकी इस अपील का व्यापक असर हुआ और दर्शकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई।
'वंदे मातरम' का भावुक क्षण
पिछले साल जुलाई में, बेंगलुरु में कांतीरवा स्टेडियम में भारी बारिश के दौरान भीड़ ने 'वंदे मातरम' गाया। यह छेत्री और उनके फैंस के बीच का एक भावुक क्षण था, जो हमेशा के लिए भारतीय फुटबॉल के इतिहास में दर्ज हो गया।
छेत्री के बाद की चुनौती
प्रश्न 'छेत्री के बाद, कौन?' काफी समय से पूछा जा रहा है। लेकिन 39 साल की उम्र में भी, इसका उत्तर अब तक वही है - सुनील छेत्री। उनका स्थान लेने वाला कोई और नहीं होगा। वह हमेशा रहेंगे - कैप्टन, नेता, दंतकथा।
छेत्री का 'एक आखिरी नृत्य' उनके फैंस के दिलों में हमेशा जीवित रहेगा। उनके योगदान को भारतीय फुटबॉल हमेशा याद रखेगा।
Photo credit: Twitter - Sunil Chhetri