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खड़गे की रैली में भीड़ की कमी पर कांग्रेस ने बक्सर जिला अध्यक्ष को किया निलंबित

Congress Suspends Buxar District Chief After Poor Turnout at Kharge Rally
पढ़ने का समय: 3 मिनट
Khushbu Kumari

बक्सर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की रैली में भीड़ कम जुटने पर कांग्रेस ने जिला अध्यक्ष मनोज पांडे को निलंबित कर दिया है।

बिहार की सियासत में कांग्रेस पार्टी की रैली के दौरान कम भीड़ देखी गई, जिसके बाद पार्टी ने कड़ा कदम उठाते हुए बक्सर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज पांडे को निलंबित कर दिया है। मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में यह रैली ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ अभियान के तहत आयोजित की गई थी, लेकिन मैदान में खाली कुर्सियां पार्टी के लिए चिंता का कारण बनीं।

कार्यक्रम में दिखी बदइंतजामी

रविवार को बक्सर के दलसागर खेल मैदान में आयोजित रैली में 90% से अधिक कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। यह दृश्य न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोबल के लिए झटका था, बल्कि शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी के बावजूद स्थानीय संगठन की कमजोरी को भी उजागर कर गया। पार्टी के इस असंतोष का सीधा असर मनोज पांडे पर पड़ा है।

पार्टी का आधिकारिक बयान

बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने बताया कि मनोज पांडे को ‘‘अनियमितता, समन्वय की कमी और कर्तव्य में लापरवाही’’ के आधार पर निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला अध्यक्ष ने राज्य नेतृत्व के साथ उचित समन्वय नहीं किया और रैली के लिए जरूरी तैयारियों में लापरवाही बरती।

कांग्रेस की संगठनात्मक मजबूती पर सवाल

इस घटना ने कांग्रेस की जमीनी स्तर पर पकड़ और संगठनात्मक क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर कमर कस रही है, वहीं ऐसे आयोजनों की विफलता उसकी राजनीतिक धार को कमजोर कर सकती है।

आगे की रणनीति

कांग्रेस का यह त्वरित निर्णय यह दर्शाता है कि पार्टी अब कार्यकर्ताओं और नेताओं की जवाबदेही तय करने को लेकर गंभीर है। भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए पार्टी भीतर से बदलाव लाने की दिशा में कदम उठा रही है।

बक्सर में मल्लिकार्जुन खड़गे की रैली का नाकाम आयोजन कांग्रेस के लिए एक चेतावनी है। पार्टी नेतृत्व ने इस पर तत्काल प्रतिक्रिया दी और जिला अध्यक्ष को निलंबित कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि अनुशासन और जिम्मेदारी में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह घटना आने वाले दिनों में कांग्रेस की रणनीति और संगठनात्मक ढांचे को प्रभावित कर सकती है।


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