पटना में महागठबंधन की अहम बैठक, कांग्रेस कार्यालय में सीट बंटवारे पर हो सकती है चर्चा

बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस कार्यालय पर महागठबंधन की अहम बैठक आज होने जा रही है, जिसमें सीट बंटवारे को लेकर चर्चा की संभावना है। बैठक में राजद, कांग्रेस और वाम दलों के नेता शामिल होंगे।
2024 लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, बिहार की सियासत में हलचल तेज होती जा रही है। इसी कड़ी में आज पटना स्थित कांग्रेस कार्यालय में महागठबंधन की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई है, जहां सीट बंटवारे जैसे अहम मुद्दे पर चर्चा की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दलों के शीर्ष नेता शामिल हो सकते हैं। महागठबंधन के नेता आगामी चुनाव के लिए रणनीति तय करने और लंबित मामलों को निपटाने की कोशिश करेंगे।
तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राजद के नेताओं की दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भी संपर्क में रहने की खबर है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आज की बैठक में सीटों के बंटवारे की रूपरेखा पर अंतिम फैसला हो सकता है।
पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं की ओर से उम्मीदवारों को लेकर स्पष्टता की मांग बढ़ती जा रही है। कांग्रेस जो कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार की राजनीति में अपेक्षाकृत शांत रही है, अब अपने सहयोगियों के साथ बेहतर तालमेल के ज़रिए अपनी भूमिका को मज़बूत करने की कोशिश में है।
महागठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर बने INDIA गठबंधन का हिस्सा है, जिसका मकसद भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को चुनौती देना है। सीट बंटवारे की बातचीत राज्यों में संवेदनशील मानी जाती है और बिहार भी इससे अछूता नहीं है। लेकिन चुनाव नजदीक होने की वजह से सभी दल एकजुटता और मजबूती का संदेश देना चाहते हैं।
सूत्रों की मानें तो जमीनी स्तर से मिले फीडबैक के आधार पर सीटों का बंटवारा किया जाएगा और उम्मीदवारों की जीत की संभावना को प्राथमिकता दी जाएगी। बिहार की कई सीटों पर कांटे की टक्कर है, ऐसे में रणनीतिक फैसले लेना जरूरी होगा।
बैठक में संयुक्त प्रचार रणनीति, उम्मीदवारों की घोषणा की समयसीमा और विभिन्न सीटों पर समन्वय व्यवस्था जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। अगर बैठक सफल रही, तो यह महागठबंधन की स्थिति को बिहार में और मजबूत बना सकती है।
पटना कांग्रेस कार्यालय का माहौल पहले से ही काफी सक्रिय हो गया है और पार्टी कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि आज के अंत तक कोई स्पष्ट रोडमैप सामने आ जाएगा। तेजस्वी यादव बिहार में गठबंधन का चेहरा बन सकते हैं और आने वाले सप्ताहों में मतदाताओं को जोड़ने के लिए एक ठोस अभियान शुरू किया जा सकता है।