यहाँ सर्च करे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल की निंदा की और लोकतंत्र की अहमियत को बताया

PM Narendra Modi Condemns Emergency and Highlights Its Impact on Democracy
पढ़ने का समय: 5 मिनट
Maharanee Kumari

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल की निंदा की और लोकतंत्र की अहमियत को बताया। उन्होंने युवाओं को आपातकाल की जानकारी देने पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक ट्वीट में आपातकाल की कड़ी निंदा की और लोकतंत्र की अहमियत को बताया। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि माननीय अध्यक्ष ने आपातकाल की कड़ी निंदा की, उस समय किए गए अत्याचारों को उजागर किया और लोकतंत्र का गला घोंटने के तरीके का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर सभी पीड़ितों के सम्मान में मौन धारण करने की अद्भुत पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि हम उन लोगों के संघर्ष और बलिदान को याद करें जिन्होंने उस समय के काले दिनों का सामना किया।

आपातकाल को लगाए 50 साल हो चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि आज के युवाओं के लिए यह जानना जरूरी है कि जब संविधान का उल्लंघन होता है, जनमत को दबाया जाता है और संस्थानों को नष्ट किया जाता है तो क्या होता है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान की घटनाएं एक तानाशाही के रूप को दर्शाती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, “आपातकाल की घटना यह सिखाती है कि जब संविधान का उल्लंघन होता है, जनमत को दबाया जाता है और संस्थानों को नष्ट किया जाता है, तो इसका क्या परिणाम होता है। आपातकाल के दौरान की घटनाएं यह बताती हैं कि तानाशाही कैसी दिखती है।”

आपातकाल भारत के इतिहास का एक काला अध्याय था जब लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को रोक दिया गया था और नागरिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया था। यह वह समय था जब प्रेस को सेंसर किया गया था, विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था और आम जनता के अधिकारों को छीन लिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं को इस महत्वपूर्ण समय के बारे में जागरूक होना चाहिए ताकि वे जान सकें कि लोकतंत्र कितना कीमती है और इसे बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि आपातकाल के दौरान की गई ज्यादतियों को जानना और समझना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इस बारे में पढ़ें और समझें कि लोकतंत्र की रक्षा कैसे की जा सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकतंत्र की रक्षा और संविधान के सम्मान पर जोर देते हुए कहा कि यह सभी भारतीयों की जिम्मेदारी है कि वे लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखें और इसे कमजोर करने वाले किसी भी प्रयास का विरोध करें।

प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश न केवल आपातकाल की घटनाओं को याद करने का था, बल्कि यह भी एक चेतावनी थी कि हम अपने लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहें।


यह भी पढ़े:





विशेष समाचार


कुछ ताज़ा समाचार


About | Terms of use | Privacy Policy | Cookie Policy