रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष के ‘रील मिनिस्टर’ और ‘डिरेल मिनिस्टर’ को गुस्से में जवाब दिया
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष के ‘रील मिनिस्टर’ और ‘डिरेल मिनिस्टर’ कटाक्ष का गुस्से से जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस की सुरक्षा की उपेक्षा और दुर्घटनाओं को कम करने में भाजपा की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष पर उन्हें ‘रील मिनिस्टर’ और ‘डीरेल मिनिस्टर’ कहने के लिए हमला बोला। इस दौरान उन्होंने मौजूदा और पिछली सरकारों के बीच रेलवे सुरक्षा और संचालन के प्रति दृष्टिकोण में भारी अंतर को उजागर किया। वैष्णव का यह तीखा जवाब विपक्षी नेताओं द्वारा की गई आलोचनाओं के जवाब में आया है, जो उन पर रेलवे क्षेत्र में ठोस सुधारों की तुलना में दिखावे को प्राथमिकता देने का आरोप लगा रहे हैं।
विपक्ष की आलोचना और वैष्णव की प्रतिक्रिया
हाल ही में संसद सत्र के दौरान विपक्ष ने वैष्णव का मजाक उड़ाते हुए उन्हें ‘रील मिनिस्टर’ और ‘डीरेल मिनिस्टर’ कहा, जिसमें उनके सार्वजनिक कार्यक्रमों और प्रचार गतिविधियों का हवाला दिया गया। उन्होंने खास तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 7 जुलाई को दिल्ली में लोकोमोटिव ड्राइवरों से बातचीत करने वाले वीडियो का हवाला दिया, जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपने तर्क को पुख्ता करने के लिए किया।
वैष्णव ने अपने आलोचकों पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल के दौरान कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने राहुल गांधी के लोको पायलटों से मिलने का सीधा संदर्भ देते हुए कहा, “जो लोग लोकोमोटिव ड्राइवरों के साथ रील बनाने में व्यस्त हैं, उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कुछ नहीं किया।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछली कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों की उपेक्षा की थी, जिसके परिणामस्वरूप रेल दुर्घटनाओं की घटनाएं बढ़ी हैं।
भाजपा के शासनकाल में सुरक्षा रिकॉर्ड में सुधार
रेल मंत्री ने भाजपा सरकार के तहत रेलवे सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद से दुर्घटनाओं में 68 प्रतिशत की कमी आई है, जो रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। वैष्णव ने कहा, “हम सिर्फ रील बनाने वाले लोग नहीं हैं, हम कड़ी मेहनत करने वाले लोग हैं। आप चुप हो जाइए,” उन्होंने रेलवे को बेहतर बनाने के लिए अपने प्रशासन द्वारा किए गए समर्पण और प्रयास को रेखांकित किया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस तीखी बहस पर राजनीतिक हलकों से मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ सामने आईं। भाजपा के समर्थकों ने वैष्णव की अपने रिकॉर्ड का बचाव करने और पिछली सरकार की कथित निष्क्रियता को उजागर करने के लिए सराहना की। उन्होंने तर्क दिया कि दुर्घटनाओं में पर्याप्त कमी भाजपा के प्रभावी शासन और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का सबूत है।
दूसरी ओर, विपक्षी नेताओं ने वैष्णव के आक्रामक लहजे की आलोचना की और उन पर उठाए गए मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा किए गए सार्वजनिक संवाद, जमीनी हकीकत और रेलवे कर्मचारियों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने के लिए जरूरी हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और विपक्ष के बीच हुई बातचीत भारत की रेलवे की स्थिति को लेकर चल रही राजनीतिक खींचतान को उजागर करती है। जबकि विपक्ष मौजूदा सरकार के दृष्टिकोण को चुनौती देना जारी रखता है, वैष्णव का बचाव, दुर्घटनाओं में कमी दिखाने वाले आँकड़ों से पुष्ट होता है, जो भाजपा की प्रगति और सुधार की कहानी को दर्शाता है। जैसे-जैसे बहस जारी है, भारत के विशाल रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो देश के बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण घटक है।