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ऑपरेशन सिन्दूर: भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया

Operation Sindoor Indian Armed Forces Detail Key Terror Camps Destroyed in Pakistan
पढ़ने का समय: 4 मिनट
Khushbu Kumari

ऑपरेशन सिन्दूर: भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, देशभर में सेना के साहस की सराहना।

भारतीय सशस्त्र बलों ने हाल ही में “ऑपरेशन सिन्दूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 भारतीय नागरिकों की जान गई थी। भारतीय सेना ने इन हमलों को आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम बताया है।

सेना की रणनीति और निष्पक्षता

भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन में राफेल जेट्स का उपयोग किया, जो SCALP और HAMMER मिसाइलों से लैस थे। सेना ने स्पष्ट किया कि इस अभियान में केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान या नागरिक क्षेत्र को नुकसान नहीं पहुंचाया गया। इससे यह संदेश गया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त है, लेकिन आम नागरिकों के प्रति संवेदनशील भी।

देशभर में सेना के साहस की सराहना

ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता पर देशभर में गर्व और उत्साह की लहर है। क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट किया, “भारत की ढाल उसके लोग हैं…”। इसके अलावा, साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार रजनीकांत, चिरंजीवी, जूनियर एनटीआर और अल्लू अर्जुन ने भी सोशल मीडिया पर भारतीय सेना की सराहना की। रजनीकांत ने लिखा, “लड़ाकू की लड़ाई शुरू हो गई है... जब तक मिशन पूरा नहीं हो जाता, तब तक कोई रोक नहीं!”

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय चिंता

पाकिस्तान ने इन हमलों को “युद्ध की कार्रवाई” बताया और पांच भारतीय जेट्स को मार गिराने का दावा किया, जिसे भारत ने खारिज कर दिया है। इस स्थिति पर अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा में की गई और इसका उद्देश्य आतंकवाद के ठिकानों को नष्ट करना था।

भविष्य की दिशा और निष्कर्ष

ऑपरेशन सिन्दूर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। सेना की इस कार्रवाई ने न केवल आतंकवादियों को करारा जवाब दिया, बल्कि देशवासियों को भी यह भरोसा दिलाया कि उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है। अब समय है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करे और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कदम उठाए।


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