मुर्शिदाबाद दंगे की एसआईटी जांच की याचिकाओं पर 21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

मुर्शिदाबाद दंगों की एसआईटी जांच की याचिकाओं पर 21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हिंसा की निंदा की और पीड़ितों से मिले।
सुप्रीम कोर्ट 21 अप्रैल 2025 को मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में दाखिल दो याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। ये याचिकाएं अधिवक्ता शशांक शेखर झा और विशाल तिवारी द्वारा दाखिल की गई हैं, जिनमें अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच की मांग की गई है। साथ ही, राज्य सरकार से कानून-व्यवस्था की विफलता पर जवाब तलब करने की अपील की गई है। सुनवाई की अध्यक्षता न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटेश्वर सिंह की पीठ करेगी।
हिंसा की पृष्ठभूमि
11 अप्रैल 2025 को मुस्लिम बहुल क्षेत्र मुर्शिदाबाद में वक्फ अधिनियम में संशोधन के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों को विस्थापित होना पड़ा। यह अशांति मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली जैसे पड़ोसी जिलों तक फैल गई, जहां आगजनी, पथराव और सड़कों पर जाम जैसी घटनाएं देखने को मिलीं।
राज्यपाल का दौरा और प्रतिक्रिया
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और हिंसा को “बर्बर” करार दिया। उन्होंने राहत शिविरों में रह रहे पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें न्याय व मदद का भरोसा दिलाया। राज्यपाल ने क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने और लोगों का विश्वास लौटाने की आवश्यकता पर बल दिया।
राष्ट्रीय आयोगों की भागीदारी
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने घटनाक्रम का स्वतः संज्ञान लिया है। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में एक टीम दो दिवसीय दौरे पर है, जो हिंसा में महिलाओं पर पड़े प्रभाव और राहत प्रयासों की समीक्षा कर रही है। वहीं, एनएचआरसी की एक जांच टीम ने मालदा में जाकर स्थिति का जायजा लिया और वह तीन सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
राज्यपाल के दौरे और आयोगों की उपस्थिति को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने आलोचना की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दौरा स्थगित करने के अनुरोध के बावजूद राज्यपाल का क्षेत्र में जाना विवाद का कारण बना। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने आरोप लगाया कि राज्यपाल और आयोग क्षेत्र में तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।