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बीजेडी सांसद ममता मोहंता ने पार्टी छोड़ी और राज्यसभा से इस्तीफा दिया, भाजपा में शामिल होंगी

BJD MP Mamata Mohanta Resigns and Joins BJP
पढ़ने का समय: 5 मिनट
Amit Kumar Jha

बीजेडी सांसद ममता मोहंता ने पार्टी और राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया, भाजपा में शामिल होने की तैयारी में। बीजेडी ने राज्यसभा में एनडीए सरकार से समर्थन वापस ले लिया।

एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में, बीजू जनता दल (बीजेडी) की सांसद ममता मोहंता ने पार्टी और राज्यसभा में अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। मोहंता का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने की तैयारी कर रही हैं, जो ओडिशा के राजनीतिक परिदृश्य में एक उल्लेखनीय बदलाव है।

इस्तीफा और तत्काल स्वीकृति

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने ममता मोहंता के इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया। इस त्वरित स्वीकृति से उनके जाने की गंभीरता और बीजद और भाजपा दोनों के लिए इसके निहितार्थों को रेखांकित किया गया है। प्रमुख आदिवासी नेता मोहंता ने अपने इस्तीफे का मुख्य कारण बीजद के भीतर उनके और उनके समुदाय की सेवाओं की आवश्यकता की कमी को बताया।

बीजेडी ने राज्यसभा में एनडीए से समर्थन वापस लिया

मोहंता के इस्तीफे के बाद, बीजेडी ने आधिकारिक तौर पर राज्यसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इस कदम से ऊपरी सदन में एक नई गतिशीलता आई है, क्योंकि कई महत्वपूर्ण मतों पर एनडीए के लिए बीजेडी का समर्थन महत्वपूर्ण रहा है।

ओडिशा में राज्यसभा उपचुनाव पर असर

इस इस्तीफे से ओडिशा में होने वाले महत्वपूर्ण उपचुनाव के लिए माहौल तैयार हो गया है। राज्य में भाजपा सत्ता में है, इसलिए मोहंता द्वारा खाली की गई राज्यसभा सीट पर उसका कब्जा होना तय है। इससे उच्च सदन में भाजपा की संख्या बढ़ेगी और विधायी कार्यवाही पर भी इसका असर पड़ सकता है।

ममता मोहंता का बयान

अपने बयान में मोहंता ने बीजेडी से मोहभंग की भावना व्यक्त की। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि बीजू जनता दल में मेरी और मेरे समुदाय की सेवाओं की कोई आवश्यकता नहीं है।" उनका जाना बीजेडी के भीतर चल रहे मुद्दों को उजागर करता है, खासकर आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधित्व से संबंधित।

प्रतिक्रियाएँ और राजनीतिक निहितार्थ

मोहंता के इस्तीफे और उसके बाद भाजपा के साथ जुड़ने पर राजनीतिक हलकों में प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। बीजद नेताओं ने उनके फैसले पर खेद व्यक्त किया है और पार्टी और अपने समुदाय के लिए उनके योगदान पर जोर दिया है। इस बीच, भाजपा नेताओं ने उनका खुले दिल से स्वागत किया है और उन्हें अपने दल में एक मूल्यवान सदस्य के रूप में देखा है।

इस कदम से ओडिशा में भाजपा की पकड़ मजबूत होने की उम्मीद है, खासकर आदिवासी मतदाताओं के बीच। इन समुदायों में मोहंता का प्रभाव और पहुंच आगामी चुनावों में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

बीजेडी और राज्यसभा से ममता मोहंता का इस्तीफा ओडिशा के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। भाजपा में शामिल होने का उनका फैसला और बीजेडी द्वारा राज्यसभा में एनडीए सरकार से समर्थन वापस लेने के दूरगामी परिणाम होंगे। जैसे-जैसे राजनीतिक परिदृश्य विकसित होता रहेगा, उनकी खाली सीट के लिए उपचुनाव एक महत्वपूर्ण मुकाबला होगा, जो संभवतः उच्च सदन में सत्ता के संतुलन को नया रूप देगा।


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