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वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

Supreme Court Hearing on Waqf Amendment Act 2025
पढ़ने का समय: 4 मिनट
Maharanee Kumari

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट में आज इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगी।

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर उठे विवाद के बीच आज 16 अप्रैल 2025 को भारत के सुप्रीम कोर्ट में इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई होगी। यह कानून देशभर में अल्पसंख्यक समुदायों और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।

क्या है वक्फ संशोधन अधिनियम 2025?

इस अधिनियम में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें ‘यूज़र द्वारा वक्फ’ की व्यवस्था को हटाना, वक्फ संपत्तियों पर विवाद की स्थिति में जिलाधिकारी को अंतिम निर्णय देने का अधिकार देना, और वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 107 को समाप्त कर लिमिटेशन एक्ट 1963 को लागू करना शामिल है। इन संशोधनों को लेकर आशंका जताई जा रही है कि इससे वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता को नुकसान पहुंचेगा और वक्फ संपत्तियों पर बाहरी कब्जे का रास्ता साफ हो जाएगा।

कानूनी चुनौती और राजनीतिक प्रतिक्रिया

कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 4 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर कर इस अधिनियम की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाए। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने भी कोर्ट का रुख किया है। इन सभी का मानना है कि यह कानून अल्पसंख्यकों के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों का हनन करता है।

देशभर में विरोध प्रदर्शन

इस अधिनियम के खिलाफ देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और त्रिपुरा के उनाकोटी में हिंसक झड़पों की खबरें आईं, जिनमें कई लोगों की मौत और दर्जनों घायल हुए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के महासचिव फजलुर रहीम मुजद्दिदी के नेतृत्व में इस कानून के खिलाफ राष्ट्रव्यापी शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी हैं।

सरकार का पक्ष

सरकार का कहना है कि यह अधिनियम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि यह कानून किसी धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाता बल्कि वक्फ संपत्तियों के सही प्रबंधन को सुनिश्चित करता है।

फैसले के संभावित प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट का फैसला वक्फ संपत्तियों के अधिकार, अल्पसंख्यकों के अधिकार और धार्मिक संस्थानों की स्वायत्तता पर व्यापक प्रभाव डालेगा। इस अहम मुद्दे पर आने वाला निर्णय देश की धर्मनिरपेक्षता और विधिक प्रणाली की दिशा तय करेगा।

अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं, जहां से यह तय होगा कि यह अधिनियम संविधान की भावना के अनुरूप है या नहीं।


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